नयी दिल्ली, नौ अगस्त (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) ने मनीष सिसोदिया को जमानत दिए जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को ‘‘सत्य की जीत’’ करार देते हुए शुक्रवार को उम्मीद जताई कि जेल में बंद पार्टी के अन्य नेताओं को भी ‘‘न्याय मिलेगा।’’
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धन शोधन मामलों में जमानत दे दी और कहा कि वह 17 माह से हिरासत में हैं।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि सिसोदिया 17 माह से हिरासत में हैं और अभी तक मामले की सुनवाई शुरू नहीं हुई है जिससे वह शीघ्र सुनवाई के अधिकार से वंचित हुए हैं।
आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दिल्ली की शिक्षा क्रांति के नायक मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने से आज पूरे देश में खुशी है। मैं माननीय उच्चतम न्यायालय का हृदय की गहराई से आभार व्यक्त करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मनीष जी को 530 दिन तक जेल की सलाखों के पीछे रखा गया। उनका जुर्म यह था कि उन्होंने गरीबों के बच्चों को एक बेहतर भविष्य दिया। प्यारे बच्चों, आपके मनीष अंकल वापस आ रहे हैं।’’
सिसोदिया की जमानत को ‘‘सत्य की जीत’’ बताते हुए आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘‘17 महीने के इंतजार के बाद एक बड़ी सफलता मिली। लेकिन मैं आज भारत के प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी से पूछना चाहता हूं कि यह आपकी दुर्भावना की राजनीति कब तक चलेगी?’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह केंद्र सरकार की तानाशाही पर जोरदार तमाचा है। आपने उस व्यक्ति को 17 माह जेल में रखा जो दिल्ली के लाखों बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा का इंतजाम कर रहा था।’’
आप नेता ने कहा, ‘‘इन 17 महीनों का हिसाब कौन देगा? मनीष सिसोदिया और परिवार ने इन 17 माह में जो मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेली उसका हिसाब कौन देगा?’’
सिंह ने कहा, ‘‘सिसोदिया को जमानत मिलना पार्टी और देश के लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। हमारा संविधान और हमारी न्याय व्यवस्था जीवित है इसी के कारण यह संभव हो पाया।’’
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सत्यमेव जयते।’’
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी 2023 को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए गिरफ्तार किया था। बाद में यह नीति रद्द कर दी गई थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें धनशोधन के मामले में नौ मार्च 2023 को गिरफ्तार किया था। धनशोधन का यह मामला सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़ा था।
सिसोदिया ने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। उनके पास शिक्षा मंत्रालय का भी प्रभार था।
सिसोदिया ने जमानत दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह 17 माह से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
ईडी और सीबीआई ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया।