भुवनेश्वर, 31 अगस्त (भाषा) ओडिशा सरकार ने शनिवार को राज्य में ‘प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान’ (पीएम-उषा) की शुरुआत की।
राज्य सरकार ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यबंशी सूरज की उपस्थिति में पीएम-उषा कार्यक्रम की शुरुआत के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
प्रधान ने 31 अगस्त को ओडिशा में उच्च शिक्षा परिदृश्य को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि केंद्र ओडिशा में विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों को बुनियादी ढांचे और अन्य विकासात्मक गतिविधियों के लिए 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘पीएम-उषा राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के कार्यान्वयन की दिशा में केंद्र की एक महत्वपूर्ण पहल है। यह अधिक दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली में उच्च स्तर की पहुंच, समानता और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती है। आवंटित अनुदान का 60 प्रतिशत केंद्र द्वारा जारी किया जाएगा और 40 प्रतिशत राज्य द्वारा वहन किया जाएगा।’’
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि ओडिशा में पीएम-उषा योजना के कार्यान्वयन से राज्य के विश्वविद्यालयों को बुनियादी ढांचे में सुधार करने में मदद मिलेगी और साथ ही वे विश्वस्तरीय बहु-विषयक विश्वविद्यालयों में बदल सकेंगे।
उन्होंने कहा कि ओडिशा को प्रतिभाशाली मानव पूंजी का आशीर्वाद प्राप्त है और केंद्र तथा राज्य दोनों प्रतिबद्ध हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि ओडिशा के युवा 21वीं सदी के ज्ञान एवं कौशल से सुसज्जित और सशक्त हों।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री माझी ने कहा, ‘‘शिक्षा का दायरा बहुत व्यापक है, इसे राजनीतिक संकीर्णता के दायरे में नहीं रखा जाना चाहिए। हमने नयी सरकार के 81वें दिन पीएम-उषा योजना शुरू की है।’’
उन्होंने कहा कि यह पहल ओडिशा के शिक्षा क्षेत्र को विश्वस्तरीय स्तर पर बदल देगी।
मांझी ने कहा कि भाजपा के चुनाव घोषणापत्र के अनुसार, राज्य में विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता दी जाएगी जिससे सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने, शिक्षा प्रणाली में क्रांति लाने और क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने में भी मदद मिलेगी।