‘मां, कुश्ती जीत गई, मैं हार गई’ विनेश ने खेल को अलविदा कहा

पेरिस, आठ अगस्त (भाषा) भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले अयोग्य ठहराये जाने के बाद अपनी मां को संबोधित एक भावुक संदेश में कुश्ती को अलविदा कहने की घोषणा की और कहा कि अब आगे खेलने की ताकत नहीं है।

विनेश को बुधवार को महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग के फाइनल से पहले 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य ठहराया गया था। उन्होंने ‘एक्स’ पर संन्यास की घोषणा की।

अपनी मां प्रेमलता को संबोधित करते हुए 29 वर्षीय विनेश ने लिखा, ‘‘मां, कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना। आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। ’’

दो बार की विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता ने कहा, ‘‘अलविदा कुश्ती 2001-2024। मैं आप सभी की हमेशा ऋणी रहूंगी। मुझे माफ कर दीजिए। ’’

विनेश ने बुधवार को खेल पंचाट (कैस) में ओलंपिक फाइनल से खुद को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील की और मांग की कि उन्हें संयुक्त रजत पदक दिया जाए।

ओलंपिक खेलों या उद्घाटन समारोह से पहले 10 दिनों की अवधि के दौरान उत्पन्न होने वाले किसी भी विवाद के समाधान के लिए यहां खेल पंचाट का तदर्थ विभाग स्थापित किया गया है जो अगले कुछ घंटों में उनकी अपील पर सुनवाई करेगा।

विनेश ने दिन का एक बड़ा हिस्सा खेल गांव के अंदर पॉलीक्लिनिक में बिताया, क्योंकि वजन कम करने के उपाय के कारण उनके शरीर में पानी की कमी हो गई। इन उपायों में भूखा रहना, तरल पदार्थों से परहेज करना और पसीना बहाने के लिए पूरी रात जागना शामिल था।

सेमी फाइनल में विनेश से हारने वाली क्यूबा की पहलवान युसनेलिस गुज़मैन लोपेज़ ने फाइनल में भारतीय खिलाड़ी की जगह ली जहां वह अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट से हार गई। विनेश अब लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक विजेता बनने के लिए खेल पंचाट पर भरोसा कर रही हैं।

कुश्ती की अंतरराष्ट्रीय संचालन संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने हालांकि स्पष्ट कर दिया है कि वजन से जुड़े वर्तमान नियमों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

विश्व संस्था ने अपने अध्यक्ष नेनाद लालोविच के भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की प्रमुख पीटी उषा से मुलाकात के बाद बुधवार देर रात जारी बयान में कहा, ‘‘आईओए हमने सुझाव दिया किसी दिन खिलाड़ी के वजन की जरूरत को पूरा किया जाता है उस दिन के पहलवान के परिणाम को अयोग्य नहीं ठहराया जाना चाहिए।’’

यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने कहा,‘‘यूडब्ल्यूडब्ल्यू भी उचित मंच पर इस सुझाव पर चर्चा करेगा लेकिन यह पूर्व के नियमों पर लागू नहीं किया जा सकता।’’

विनेश ने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचा था । सुबह तक उनका कम से कम रजत पदक पक्का लग रहा था लेकिन उन्हें फाइनल में भाग लेने के अयोग्य ठहरा दिया गया।

विनेश का यह तीसरा ओलंपिक था। वह एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता है।

हरियाणा की रहने वाली विनेश का पेरिस ओलंपिक तक का सफर आसान नहीं रहा।

भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर प्रदर्शन की अगुवाई करने पर उनकी काफी आलोचना हुई । मामला पुलिस और अदालत तक पहुंचा।

यही नहीं पेरिस ओलंपिक में उन्हें अपने पसंदीदा 53 किग्रा की बजाय 50 किग्रा में उतरना पड़ा। इस बार वर्ग में अंतिम पंघाल ने पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल किया जो पहले दौर में हार कर बाहर हो गई।

विनेश को ओलंपिक क्वालीफायर से पहले कई ट्रायल मुकाबले खेलने पड़े और इस बीच उन्हें घुटने की सर्जरी भी करानी पड़ी।

विनेश का ओलंपिक सफर काफी पीड़ा दायक रहा है। उन्होंने पहली बार रियो ओलंपिक 2016 में हिस्सा लिया था जिसके क्वार्टर फाइनल मैच में वह चोटिल हो गई और उन्हें मैट से स्ट्रेचर पर बाहर लाया गया।

उन्होंने इसके बाद तोक्यो ओलंपिक पर ध्यान लगाया और उसकी तैयारी में जुट गई। कॉविड-19 के कारण 2021 में खेले गए इन खेलों में विनेश क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाईं।

पेरिस ओलंपिक में उन्होंने शुरू से अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन आखिर में भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया।