लोकसभा चुनाव के नतीजों ने भारत को फिर से ‘सांस लेने’ का मौका दिया : मनीष तिवारी
Focus News 28 August 2024नयी दिल्ली, 28 अगस्त (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा कि इस साल हुए लोकसभा चुनाव के नतीजे संख्या बल के लिहाज से नहीं, बल्कि इस मायने में अहम हैं कि एक बार फिर से भारत को ‘‘सांस लेने’’ और इसके संस्थानों को काम करने का मौका मिला है।
उन्होंने ‘पीटीआई’ के विशेष कार्यक्रम ‘@4पार्लियामेंट स्ट्रीट’ में समाचार एजेंसी के संपादकों के साथ बातचीत में यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस बात को स्वीकार करे या न करे, लेकिन कुछ मुद्दों पर सरकार के हालिया ‘‘यू-टर्न’’ गठबंधन राजनीति की वास्तविकताओं को दर्शाते हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री तिवारी का मानना है कि भारत को ‘‘लोकतांत्रिक सुधारों की दूसरी लहर’’ की जरूरत है तथा देश की, लोकतांत्रिक ढांचे को रेखांकित करने वाली संरचनाओं को वास्तव में अधिक सहभागी, समावेशी और लोकतांत्रिक बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी आगामी विधानसभा चुनावों में जीत की ओर बढ़ रहे हैं, जिसका राष्ट्रीय राजनीति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद के परिदृश्य के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने कहा, ‘‘आपको 2023 के नवंबर-दिसंबर तक, पीछे जाने की जरूरत है, जो 2003 के नवंबर-दिसंबर के समान थे। उस समय भी भाजपा ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जीत हासिल की थी। यह ‘भारत उदय’ (इंडिया शाइनिंग) का क्षण था। उसके बाद 2004 के चुनावों में जो हुआ, वह इतिहास है जिसे मुझे दोहराने की ज़रूरत नहीं है।’’
तिवारी ने कहा, ‘‘नवंबर-दिसंबर, 2023 में भाजपा ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में जीत हासिल की और ‘अबकी बार, 400 पार’ की बातें होने लगीं। ‘अबकी बार, 400 पार’ तो संविधान को निरस्त करना और उसके स्थान पर किसी ऐसी चीज़ को लाना था जो, उस समय की भाजपा के पूर्ववर्तियों की सोच के अनुरूप था जब संविधान सभा संविधान को तैयार कर रही थी।’’
चंडीगढ़ से लोकसभा सदस्य तिवारी के मुताबिक, संयुक्त विपक्ष लोकसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सांसदों की संख्या लगभग 300 तक सीमित रखने में सक्षम हुआ और भाजपा 240 तक सिमट गई।
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे अच्छी शुरुआत यह हुई कि इसने इस देश को सांस लेने का और संस्थानों को फिर से काम शुरू करने का मौका दिया है।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘पूरी तरह से कठोरता का माहौल, जिसके तहत हर किसी ने अपने मष्तिष्क में एक सेंसर स्थापित किया हुआ था, कम से कम वह अब जून 2024 से पीछे रह गया है।’’
तिवारी ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि 2024 का चुनाव संख्या बल के संदर्भ में अहम था, बल्कि यह इसको लेकर महत्वपूर्ण था कि इसने भारत को फिर से सांस लेने का मौका दिया।’’
यह पूछा गया कि क्या कांग्रेस के भीतर कभी ‘जी23’ समूह ने संगठनात्मक सुधारों का आह्वान किया था और जो मांगें की गई थीं, क्या वे पूरी हो गईं? इस पर तिवारी ने कहा कि उस समय किए गए इस प्रयास को संकीर्ण नजरिये से देखना इसका गलत अर्थ निकालना होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत को लोकतांत्रिक सुधारों की दूसरी लहर की आवश्यकता है, जिसके तहत आपको उन संरचानाओं को खोलने की जरूरत है जो वास्तव में भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को रेखांकित करती हैं। उन्हें अधिक भागीदारीपूर्ण, समावेशी और लोकतांत्रिक होने की आवश्यकता है।’’