मैं न तो ‘टायर्ड’, न ‘रिटायर्ड’, मुख्यमंत्री का फैसला आलाकमान करेगा: हुड्डा
Focus News 13 August 2024नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा विधानसभा में मुख्यमंत्री पद के चेहरे से जुड़े सवाल पर मंगलवार को कहा कि वह न तो ‘टायर्ड’ हैं और न ही ‘रिटायर्ड’ हैं, लेकिन पार्टी को बहुमत मिलने पर आलाकमान मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेगा।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी में गुटबाजी की बात को भी खारिज किया और कहा कि मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं है तथा आगामी चुनाव सभी नेता एकजुट होकर लड़ेंगे।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी बहुमत मिलने की उम्मीद जताई और कहा कि जननायक जनता पार्टी (जजपा) और इंडियन नेशनल लोक दल ‘वोट कटवा’ पार्टी हैं जिनका कोई असर नहीं होने जा रहा है क्योंकि प्रदेश की 36 बिरादरी कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने का मन चुकी हैं।
हरियाणा में इस वर्ष अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। हालिया लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को प्रदेश की 10 में पांच सीट हासिल हुईं।
हुड्डा का कहना है कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है।
यह पूछे जाने पर कि किन मुद्दों को आगे रखकर कांग्रेस चुनाव में उतरने जा रही है तो उन्होंने कहा, ‘‘2014 में जब हमने सरकार छोड़ी थी तो उस समय हरियाणा में प्रति व्यक्ति आय, निवेश, नौकरी देने और कानून-व्यवस्था में राज्य नंबर एक था। अब हरियाणा बेरोजगारी, महंगाई में नंबर एक है तथा राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है। हरियाणा बहुत पीछे चला गया है। इस चुनाव में ये सब मुद्दे होंगे।’’
इस सवाल पर कि हरियाणा में गुटबाजी की चुनौती से कैसे निपटेंगे तो हुड्डा का कहना था कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी गुटों में नहीं बंटी है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी अवश्य गुटों में बंटी हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘हां मतभेद होते हैं, मनभेद नहीं है। पार्टी एक है और एक होकर चुनाव लड़ेगी।’’
हरियाणा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के अलग-अलग चुनावी कार्यक्रमों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘सब कांग्रेस के लिए प्रचार कर रहे हैं, कांग्रेस को मजबूत करने की बात कर रहे हैं। ये पार्टी के कार्यक्रम हैं, सब उसी में शामिल हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस को हरियाणा में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना चाहिए तो उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस की एक तय प्रक्रिया है। चुनाव होता है, विधायक चुने जाते हैं। पर्यवेक्षक विधायकों से बात करते हैं और फिर आलाकमान फैसला करता है।’’
इस सवाल पर कि क्या उनके पुत्र और सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं तो हुड्डा का कहना था, ‘‘मैंने पहले ही कहा कि पार्टी फैसला करती है…जहां तक मेरा सवाल है, मैं न तो टायर्ड हूं और न ही रिटायर्ड हूं।’’
उनके मुताबिक, इस चुनाव में इनेलो और बसपा के गठबंधन तथा जजपा का कोई असर नहीं होगा क्योंकि ये ‘वोट कटवा’ पार्टियां हैं।
हुड्डा ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव का नतीजा आपने देखा होगा। लोकसभा चुनाव से साफ है कि मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। जजपा को लोकसभा चुनाव में एक प्रतिशत भी वोट नहीं मिला। सीधा मुकाबला, भाजपा और कांग्रेस का है।’’
यह पूछे जाने पर कि मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाने का चुनाव पर कितना असर होगा, तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘उनका (भाजपा) हिसाब है कि मुख्यमंत्री बदलने से सत्ता विरोधी माहौल कम हो जाएगा। जहां तक हरियाणा का सवाल है तो लोगों ने इनको (भाजपा) ही बदलने का फैसला कर लिया है।’’
इस सवाल पर कि इस चुनाव में वह कांग्रेस को कितनी सीटें मिलने की उम्मीद कर रहे हैं तो हुड्डा ने कहा कि भारी बहुमत मिलेगा।
उनका कहना था, ‘‘भारी बहुमत मिलेगा क्योंकि 36 बिरादरी मन बना चुकी हैं। पूरे देश में ‘इंडिया’ गठबंधन का सबसे ज्यादा मत प्रतिशत हरियाणा में है। प्रदेश के सभी लोकसभा क्षेत्रों और विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस का वोट बढ़ा है और भाजपा का वोट घटा है। यह स्पष्ट है कि आने वाली सरकार कांग्रेस की बनेगी।’’
महिला पहलवान विनेश फोगाट के मामले पर हुड्डा ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए तथा उनको वही सम्मान मिलना चाहिए जो स्वर्ण पदक को विजेता को मिलता है।
उन्होंने अपनी यह मंशा फिर दोहराई को विनेश को राज्यसभा भेजा जाना चाहिए।
उनका कहना था, ‘‘अगर हमारा बहुमत होता तो उनको राज्यसभा में लेकर आते। जो उन पर गुजरी है उसे देखते हुए ‘हीलिंग टच’ देना चाहिए। मेरे कहने का मतलब है कि उन्हें प्रोत्साहन मिलना चाहिए।’’
हुड्डा का कहना था कि सभी पार्टियों को मिलकर उन्हें राज्यसभा में भेजना चाहिए और ऐसा नहीं होता है तो राष्ट्रपति उन्हें मनोनीत कर सकती हैं।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि हरियाणा को ‘खेलो इंडिया’ के बजट का सिर्फ तीन प्रतिशत राशि मिली है।