ढाका, 21 अगस्त (भाषा) बांग्लादेश में हाल ही में एक महीने से अधिक समय तक हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने राजधानी ढाका में आतिथ्य क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है और यहां कई महंगे और किफायती होटलों के अधिकतर कमरे खाली पड़े हैं।
ढाका बांग्लादेश की राजनीतिक और वित्तीय राजधानी है और अंतरराष्ट्रीय होटल श्रृंखलाओं द्वारा प्रबंधित कई बड़े होटल यहां स्थित हैं जो बड़े पैमाने पर कारोबारी यात्रियों को सेवाएं प्रदान करते हैं।
इनमें से कई होटल के वरिष्ठ प्रबंधकों का कहना है कि अशांति का ‘‘सबसे ज्यादा असर’’ जुलाई में महसूस किया गया जब बड़ी संख्या में बुकिंग रद्द हुई जिसके परिणामस्वरूप ‘‘भारी वित्तीय नुकसान’’ हुआ।
‘पीटीआई’ ने पॉश इलाकों में स्थित कुछ महंगे और किफायती होटल के कर्मचारियों से बातचीत की और उन सभी ने ढाका में आतिथ्य क्षेत्र की वर्तमान स्थिति की एक निराशाजनक तस्वीर पेश की।
एक महंगे होटल के बिक्री विभाग में वरिष्ठ प्रबंधक ने नाम न उजागर करने की शर्त पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘स्थिति अब थोड़ी बेहतर है लेकिन हमारे क्षेत्र में सामान्य स्थिति से कोसों दूर है क्योंकि अधिकतर कमरे खाली पड़े हैं। हालांकि, कारोबारी यात्रियों का एक वर्ग अशांति के बाद अब भी आ रहा है लेकिन कमरों में ठहरने वाले अतिथियों की संख्या में भारी गिरावट आयी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास विभिन्न श्रेणियों में 150 कमरे हैं। अभी करीब 35 कमरे ही भरे हुए हैं। यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है।’’
उन्होंने इलाके में चार-पांच अगस्त की स्थिति को याद किया जब अराजकता चरम पर पहुंच गयी थी जिसके कारण बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा था और बांग्लादेश में संकट पैदा हो गया था।
हालात बिगड़ने पर होटल प्रशासन को अपनी महिला कर्मचारियों को चार-पांच अगस्त को घर पर ही रहने को कहना पड़ा था जबकि पुरुष कर्मचारियों के ठहरने की व्यवस्था होटल परिसर में ही की गयी थी।
पांच अगस्त को हसीना सरकार गिरने वाले दिन आयी चुनौतियों पर पांच सितारा होटल के वरिष्ठ प्रबंधक ने कहा कि उस दिन अतिथियों में जर्मनी, रूस, स्विट्जरलैंड, भारत और बांग्लादेश के नागरिक शामिल थे और होटल में कूटनीतिक समुदाय के कुछ सदस्य भी थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने होटल सील करके उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की और किसी को भी बाहर जाने या अंदर आने नहीं दिया। प्रदर्शनकारियों ने होटल इमारत तक मार्च भी किया लेकिन ‘‘हमारी संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।’’
अन्य होटल के कर्मचारियों ने भी ऐसी ही कहानी बयां की।
इनमें से एक आलीशान होटल में काम करने वाले एक भारतीय नागरिक ने मंगलवार शाम को बताया कि उन्हें ‘‘अभी तक कोई समस्या नहीं हुई है’’ और इसलिए वह ढाका में ही रुके हुए हैं।
ढाका में स्थित किफायती या तीन सितारा होटलों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। गुलशन इलाके में करीब 25 साल पुराने होटल लेक कैसल में 19 अगस्त तक महज ‘‘छह कमरे बुक हुए।’’
होटल के एक वरिष्ठ प्रबंधक ने कहा, ‘‘हमारे पास सुइट समेत 71 कमरे हैं लेकिन अतिथि नहीं आ रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि हालात में सुधार आएगा। इससे हमारे कामकाज पर असर पड़ा है।’’
आतिथ्य बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख घटक है और इसका मुख्य केंद्र होने के नाते ढाका वर्तमान स्थिति का प्रभाव झेल रहा है।