श्रावण माह को भगवान शिव की भक्ति का महीना कहा जाता है। हिन्दू धर्म के तीन देवों में भगवान शिव को संहारक देव के रूप में माना जाता है।
भगवान भोलेनाथ अपने नाम के अनुरूप भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। इस माह आपने खान -पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। श्रावण माह भगवान शिव के अभिषेक का बड़ा महत्व है। भगवान शिव ही ऐसे देवता हैं जो मात्र जल चढ़ाने से प्रसन्न हो जाते हैं। शिवपुराण के अनुसार अलग-अलग कामनाओं की सिद्धि के लिए भगवान शिव का अनेक द्रव्यों से अभिषेक किया जाता है। भगवान शिव के अभिषेक से मनुष्य की अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की कामना की सिद्धि होती है। शिवपुराण के अनुसार ऋषियों के पूछने पर स्वयं भगवान शिव ने अभिषेक का महत्व बताते हुए कहा है कि सभी प्रकार की आसक्तियों से रहित होकर जो मेरा अभिषेक करता है वह सभी कामनाओं को प्राप्त करता है।
शास्त्रों में कामना की प्राप्ति के लिए अनेक प्रकार के द्रव्यों से अभिषेक का वर्णन है।
– जल की धारा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, अत: शुद्ध जल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर भरपूर जलवृष्टि होती है। जल से अभिषेक करने से तेज ज्वर भी शांत हो जाता है।
– लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से भगवान का अभिषेक करना चाहिए।
– गाय के दूध से अभिषेक करने पर नि:संतानों को संतान प्राप्त होती है।
– शक्कर मिश्रित दूध से अभिषेक करने पर बुद्धि की जड़ता समाप्त हो जाती है और बुद्धि श्रेष्ठ होती है।
– शहद से अभिषेक करने पर पापों का नाश हो जाता है। तपेदिक रोग से छुटकारा मिलता है।
– घी से अभिषेक करने पर जीवन में आरोग्यता आती है और वंशवृद्धि होती है।
– सरसों के तेल के भगवान का अभिषेक करने पर शत्रुओं का नाश होता है।
– मोक्ष की कामना के लिए तीर्थों के जल द्वारा अभिषेक किया जाता है।