नयी दिल्ली, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रम ने दुनिया को संदेश दिया है कि जनता सर्वोच्च है और सरकारों को उनके धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।
उद्धव ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बांग्लादेश में हिंसा और अत्याचार के शिकार हिंदुओं को बचाने के लिए भी कहा।
बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल से संबंधित एक प्रश्न पर ठाकरे ने कहा, ‘‘क्या आपको लगता है कि भारत में भी ऐसी ही स्थिति बन सकती है?’’
बांग्लादेश के घटनाक्रम पर उनके संदेश के बारे में पूछे जाने पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एकमात्र संदेश यह है कि जनता सर्वोच्च है और राष्ट्र के भाग्य की अंतिम निर्णायक वही है।
ठाकरे ने कहा, ‘‘केवल एक ही संदेश है…जनता सर्वोच्च है और किसी भी नेता को उनके धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं, तो जनता की अदालत क्या कर सकती है, यह बांग्लादेश में दिखा है। जनता की अदालत सर्वोच्च है। जनता की अदालत ने बांग्लादेश में फैसला सुनाया है।’’
उन्होंने कहा कि इसी तरह के विरोध प्रदर्शन श्रीलंका और इजराइल में भी देखे गए, जहां प्रधानमंत्री के लिए अपने घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। ठाकरे ने कहा कि बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों को ‘‘रजाकार’’ कहा गया, जिसे उस देश में अपमानजनक माना जाता है।
ठाकरे ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन करने आए किसानों को आतंकवादी कहा गया। बांग्लादेश की यह स्थिति सभी के लिए चेतावनी है। किसी को भी यह नहीं सोचना चाहिए कि वे भगवान से ऊपर हैं। हम सभी इंसान हैं।’’
उद्धव विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया)’ के नेताओं से मुलाकात करने और खासकर महाराष्ट्र, हरियाणा तथा झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के संबंध में रणनीति पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में हैं।
ठाकरे ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा करना केंद्र सरकार का कर्तव्य है, जो संघर्षग्रस्त देश में प्रदर्शनकारियों के अत्याचारों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन में युद्ध रोक सकते हैं, तो उन्हें बांग्लादेश में भी इसी तरह के कदम उठाने चाहिए और वहां के हिंदुओं को बचाना चाहिए।’’
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने यह भी कहा कि मणिपुर उबल रहा है और कश्मीर में हिंदुओं की हत्या की जा रही है तथा बांग्लादेश में भी यह समुदाय खतरे में है।
जब उनसे कहा गया कि बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों का कारण सरकार की आरक्षण नीति है, तो ठाकरे ने कहा कि भारत में इस तरह के मुद्दों को लोकसभा में चर्चा के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।
मराठा समुदाय और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र में उथल-पुथल मचा रहा है और यह सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा-राकांपा गठबंधन और विपक्षी महाराष्ट्र विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन दोनों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।
ठाकरे ने कहा, ‘‘यदि आप चाहते हैं कि यहां भी ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो, तो समय पर निर्णय लिए जाने चाहिए। आपको इसमें शामिल सभी लोगों से बात करनी होगी।’’