बैंकॉक, 14 अगस्त (एपी) थाईलैंड की एक अदालत ने नैतिक मूल्यों का पालन न करने के आरोप में बुधवार को प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को पद से हटा दिया। इससे एक सप्ताह पहले अदालत ने मुख्य विपक्षी दल को भंग कर दिया था। अदालत के आदेश ने थाई राजनीति में हलचल मचा दी है।
संवैधानिक न्यायालय ने श्रेथा को एक कैबिनेट सदस्य की नियुक्ति को लेकर दोषी ठहराया जिसे अदालत के एक अधिकारी को रिश्वत देने के मामले में जेल की सजा हुई थी।
अदालत ने श्रेथा के खिलाफ 5:4 के बहुमत से फैसला दिया।
संसद जब तक नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति नहीं करती तब तक कैबिनेट कार्यवाहक आधार पर बनी रहेगी। संसद को इस पद पर नियुक्ति के लिए कोई समयसीमा नहीं दी गई है।
श्रेथा ने अप्रैल में कैबिनेट फेरबदल में पिचिट चुएनबान को प्रधानमंत्री कार्यालय के मंत्री के रूप में नियुक्त किया था। पिचिट को 2008 में अदालत की अवमानना के मामले में तब छह महीने की जेल हुई थी जब उन्होंने कथित तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनवात्रा से जुड़े एक मामले में एक न्यायाधीश को 20 लाख बाहत (55 हजार अमेरिकी डॉलर) की रिश्वत देने की कोशिश की थी।
इस घटना पर जब विवाद फिर से शुरू हुआ तो नियुक्ति के कुछ सप्ताह बाद पिचिट ने पद से इस्तीफा दे दिया।
अदालत ने कहा कि हालांकि पिचिट पहले ही जेल की सजा काट चुके हैं, लेकिन उच्चतम न्यायालय के फैसले के मुताबिक उनका व्यवहार बेईमानी भरा है।
इसने फैसला सुनाया कि प्रधानमंत्री के रूप में श्रेथा के पास अपने कैबिनेट सहकर्मियों की योग्यता की पड़ताल करने की जिम्मेदारी थी।
अदालत ने कहा कि पिचिट के अतीत के बारे में श्रेथा जानते थे लेकिन फिर भी उन्हें कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया और इस तरह उन्होंने नैतिकता संहिता का उल्लंघन किया है।