बीजिंग, 29 अगस्त (एपी) चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बृहस्पतिवार को बीजिंग में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन से मुलाकात की। इस मुलाकात का उद्देश्य दोनों शक्तियों के बीच संवाद को खुला रखना है, क्योंकि हाल के वर्षों में चीन और अमेरिका के बीच संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए हैं।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर राष्ट्रपति जो बाइडन के मुख्य सलाहकार के रूप में अपनी पहली चीन यात्रा पर आए सुलिवन ने विदेश मंत्री वांग यी और केंद्रीय सैन्य आयोग के एक वरिष्ठ जनरल सहित वरिष्ठ चीनी अधिकारियों से मुलाकात की।
चीन और अमेरिका के बीच विभिन्न मुद्दों पर मतभेद बढ़ते जा रहे हैं, जिसकी शुरुआत 2018 में शुरू हुए व्यापार युद्ध से हुई और जिसमें अब वैश्विक सुरक्षा के मामले भी जुड़ गए हैं जैसे कि दक्षिण चीन सागर पर चीन का दावा, और ऑटोमोबाइल तथा सौर पैनल विनिर्माण जैसे मुद्दों पर औद्योगिक नीति आदि।
दोनों पक्षों ने बृहस्पतिवार को कहा कि वे संबंधों को संभालने के लिए प्रतिबद्ध हैं। शी और बाइडन ने संबंधों को सुधारने के प्रयास में पिछले साल नवंबर में सैन फ्रांसिस्को में मुलाकात की थी।
सरकारी प्रसारणकर्ता सीसीटीवी के अनुसार शी ने कहा, ‘‘यद्यपि दोनों देशों की परिस्थितियां और चीन-अमेरिका संबंध बहुत बदल गए हैं, फिर भी चीन-अमेरिका संबंधों के स्थिर, स्वस्थ होने और सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध रहने का चीन का लक्ष्य नहीं बदला है।’’
सुलिवन ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति बाइडन इस महत्वपूर्ण संबंध को जिम्मेदारी से प्रबंधित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रतिस्पर्धा संघर्ष या टकराव में न बदल जाए, और जहां हमारे हित संरेखित हों, वहां मिलकर काम किया जाए।’’
व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा कि बीजिंग और वाशिंगटन आने वाले सप्ताह में शी तथा बाइडन के बीच फोन बातचीत की योजना भी बनाएंगे। व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार दोनों पक्ष संवाद के मार्गों को खुला रखेंगे।
इस बात का कोई संकेत नहीं मिला कि बाइडन के पद छोड़ने से पहले दोनों नेता आमने-सामने मिल सकते हैं।
व्हाइट हाउस के अनुसार, दोनों पक्षों ने निकट भविष्य में एक सैन्य थियेटर कमांडर स्तर की फोन कॉल करने की भी योजना बनाई है।
चीन ने तेजी से अपनी सेना का विस्तार किया है और इस तरह की चिंताएं हैं कि ताइवान और दक्षिण चीन सागर तेजी से टकराव का केंद्रबिंदु बनते जा रहे हैं।
व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, सुलिवन ने ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता बनाकर रखने के महत्व पर भी जोर दिया।