तेल अवीव, 19 अगस्त (एपी) अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजराइल-हमास युद्ध की शुरुआत के बाद से मध्य पूर्व में अपने नौवें राजनयिक मिशन का उपयोग संघर्ष विराम समझौते के संबंध में शीघ्र निर्णय लेने के लिए दबाव बनाने में करेंगे। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि गाजा में रातभर और इसके बाद रविवार दिन में किए गए इजराइली हमलों में पांच बच्चों सहित 29 लोगों की मौत हो गई।
ब्लिंकन रविवार को इजराइल पहुंचे। मध्यस्थों ने उनके यहां पहुंचने को इस सप्ताह के अंत में काहिरा में होने वाले समझौते को सफल बनाने के लिए अंतिम प्रयास बताया।
वह मंगलवार को मिस्र की यात्रा करने से पहले सोमवार को शीर्ष इजराइली अधिकारियों से मिलेंगे। उनके आगमन से क्षेत्रीय तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है।
ब्लिंकन के साथ यात्रा करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनका क्षेत्र में आगमन संघर्ष विराम वार्ता के लिहाज से ‘‘महत्वपूर्ण समय’’ पर हुआ है और विदेश मंत्री सभी पक्षों पर जल्द से जल्द समझौते को अंतिम रूप देने का दबाव डालेंगे ताकि गाजा में नागरिकों की पीड़ा का अंत किया जा सके।
ब्लिंकन के तेल अवीव पहुंचने से कुछ समय पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कैबिनेट की बैठक में कहा कि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां इजराइल लचीलापन दिखा सकता है और कुछ अनिर्दिष्ट क्षेत्र हैं जहां वह ऐसा नहीं करेगा।
ब्लिंकन नेतन्याहू के अलावा सोमवार को इजराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट और राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग से मुलाकात करेंगे।
शुक्रवार को अमेरिका और उसके सहयोगी मध्यस्थ देश मिस्र तथा कतर ने कहा कि वे दोहा में दो दिनों की वार्ता के बाद समझौते के करीब पहुंच रहे हैं।
तैयार किये जा रहे प्रस्ताव के अनुसार, हमास सात अक्टूबर को हुए हमले के दौरान सभी बंधकों को रिहा करेगा और इसके बदले में इजराइल गाजा से अपनी सेना वापस बुलाएगा और फलस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो. बाइडन को समझौते की आस है और उन्होंने शुक्रवार को कहा, ‘‘हम पहले से कहीं अधिक करीब हैं।’’
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार युद्ध में 40 हजार से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है। गाजा के 23 लाख से अधिक निवासियों में से अधिकतर विस्थापित हो चुके हैं और मानवीय तबाही हुई है। विशेषज्ञों ने अकाल और पोलियो जैसी बीमारियों के फैलने के प्रति आगाह किया है।
सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के चरमपंथियों के हमलों में लगभग 1,200 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें अधिकतर आम नागरिक थे। इसके अलावा हमास के लड़ाकों ने लगभग 250 लोगों को अगवा कर लिया था। माना जाता है कि उनमें से लगभग 110 लोग अब भी गाजा में हैं, जबकि इजराइली अधिकारियों का कहना है कि उनमें से लगभग एक तिहाई की मौत हो चुकी है।