बांग्लादेश की अंतरिम सरकार कानून व्यवस्था में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही : अधिकारी

ढाका, 19 अगस्त (भाषा) बांग्लादेश के एक नवनियुक्त शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने सोमवार को स्वीकार किया कि अंतरिम सरकार के लिए कानून व्यवस्था मुख्य चुनौती है और कहा कि नया प्रशासन यथाशीघ्र स्थिति में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने मीडिया से बातचीत में सुरक्षा चिंताओं के समाधान की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया तथा गृह मामलों तथा कृषि, दोनों में अपनी दोहरी जिम्मेदारियों को रेखांकित किया।

यूएनबी न्यूज ने शुक्रवार को नियुक्त किये गए चौधरी के हवाले से कहा, ‘‘गृह मंत्रालय में हमारी मुख्य चुनौती कानून व्यवस्था है। हम स्थिति में जल्द से जल्द सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’

शनिवार को मीडिया में आई खबरों के अनुसार, नियुक्ति के तीन दिन के भीतर ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में गृह सलाहकार के पद से ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम. सखावत हुसैन को हटा कर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) चौधरी को नियुक्त कर दिया गया। यह नियुक्ति छात्र नेताओं द्वारा पूर्व सैन्य अधिकारी के आचरण की आलोचना के बीच की गई।

सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद पांच अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़कर भारत जाने के बाद, बांग्लादेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई।

हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के सत्ता से बेदखल होने के बाद, देशभर में भड़की हिंसा की घटनाओं में 230 से अधिक लोग मारे गए। इसके साथ ही जुलाई के मध्य में छात्रों द्वारा शुरू किए गए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद से मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई।

हसीना के इस्तीफे के बाद एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस (84) को इसका मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया।

अंतरिम सरकार ने ढाका के 32 पुलिस थानों के प्रमुखों और 18 अन्य प्रभारी अधिकारियों का तबादला कर दिया है। तबादलों के साथ, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अंतर्गत आने वाले सभी 50 पुलिस थानों के प्रमुखों को बदल दिया गया है।

मीडिया से बात करते हुए चौधरी ने कृषि क्षेत्र पर भी चर्चा की और कहा कि उनका लक्ष्य उत्पादन बढ़ाना और यह सुनिश्चित करना है कि ‘‘हम अधिक लोगों को भोजन दे सकें।’’

रोहिंग्या संकट पर उन्होंने कहा कि सरकार ने संयुक्त राष्ट्र से अतिरिक्त सहायता का अनुरोध किया है।