ह्यूस्टन, 22 अगस्त (भाषा) ह्यूस्टन के निकट भगवान हनुमान की 90 फुट ऊंची कांस्य मूर्ति का अनावरण किया गया है जो “अमेरिका के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परिदृश्य में एक नया अध्याय’’ है।
यह मूर्ति टेक्सास में नवीनतम पहचान बन गई है जो बहुत दूर से दिखाई देती और यह अमेरिका में तीसरी सबसे ऊंची मूर्ति है।
आयोजकों ने बताया कि इस मूर्ति का नाम ‘स्टैच्यू ऑफ यूनियन’ रखा गया है और यह विश्व की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है। इसकी कई अन्य विशिष्टताएं भी हैं: यह भारत के बाहर हनुमान की सबसे ऊंची मूर्ति है, टेक्सास में सबसे ऊंची मूर्ति है, अमेरिका में तीसरी सबसे ऊंची मूर्ति है और इससे ऊंची मूर्तियां केवल न्यूयॉर्क में स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (151 फुट) और फ्लोरिडा के हैलैंडेल बीच में पेगासस एंड ड्रैगन (110 फुट) ही हैं।
आयोजकों ने बताया कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनियन’ हनुमान मूर्ति का अनावरण यहां से करीब 35 किलोमीटर दूर शुगर लैंड स्थित श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर में 15 से 18 अगस्त तक आयोजित भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव समारोह के दौरान किया गया। उनके अनुसार, यह मूर्ति ‘निस्वार्थता, भक्ति और एकता’ का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मूर्ति का यह नाम -‘स्टैच्यू ऑफ यूनियन’- ‘भगवान राम और सीता के पुनर्मिलन में हनुमान की महत्वपूर्ण भूमिका के सम्मान में’ रखा गया है।
एक बयान में आयोजकों ने कहा, “यह विस्मयकारी संरचना पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित और प्रसिद्ध वैदिक विद्वान परम पावन श्री चिन्ना जीयर स्वामीजी के दूरदर्शी प्रयासों का परिणाम है, जिन्होंने इस परियोजना को उत्तरी अमेरिका के आध्यात्मिक केंद्र के रूप में देखा था।”
उत्सव 15 अगस्त को शुरू हुआ, जिस दिन भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। उत्सव का मुख्य भाग 18 अगस्त को भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ शुरू हुआ।
बयान में कहा गया, “श्री चिन्ना जीयर स्वामीजी के नेतृत्व में और वैदिक पुजारियों और विद्वानों की देखरेख में किए गए अनुष्ठान, भक्ति और आध्यात्मिकता का एक शक्तिशाली प्रदर्शन थे।”
समारोह में एक हेलीकॉप्टर द्वारा मूर्ति पर फूल बरसाए गए, पवित्र जल छिड़का गया और हनुमान जी की मूर्ति के गले में 72 फुट लंबी माला डाली गई। यह सब हजारों श्रद्धालुओं द्वारा श्रीराम और हनुमान के नामों का एकसाथ जाप किए जाने के बीच किया गया।
आयोजकों ने कहा कि यह मूर्ति न केवल हनुमान की अदम्य भावना के प्रतीक के रूप में बल्कि अमेरिका के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परिदृश्य में एक नए मील के पत्थर के रूप में भी खड़ी है, जो इसकी भव्यता को देखने आने वाले सभी लोगों के लिए भक्ति, शक्ति और एकता के सिद्धांतों को मूर्त रूप देती है।