चंडीगढ़, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा ग्राम सरपंचों के लिए कई घोषणाएं किए जाने के बाद कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को कहा कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार को ‘‘जब सत्ता हाथ से फिसलती दिख रही है, तो वह झूठी घोषणाओं की मीठी गोलियां दे रही है।’’
हरियाणा में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
हुड्डा ने कहा कि भाजपा के 10 साल के शासन में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने वाले विभिन्न वर्गों को लाठियां खानी पड़ीं।
उन्होंने कहा कि राज्य के लोग ‘‘किसी भ्रम में नहीं फंसेंगे और तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक वे भाजपा को सत्ता से बाहर नहीं कर देते।’’
हरियाणा में विपक्ष के नेता ने कहा कि इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और जब भाजपा सरकार को ‘‘सत्ता हाथ से फिसलती प्रतीत हो रही है तो वह झूठी घोषणाओं की मीठी गोलियां दे रही है।’’
हुड्डा ने कहा कि भाजपा के शासन में पंचकूला में मांग उठाने पर पंचों और सरपंचों को लाठियों से पीटा गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘अब जब भाजपा को लग रहा है कि सत्ता उसके हाथ से फिसल रही है तो उसे एहसास हो गया है कि कांग्रेस के समय की व्यवस्था सही थी और गांवों का विकास पंचों एवं सरपंचों के हाथों में सुरक्षित है।’’
उन्होंने कहा कि हर फैसले पर ‘यू-टर्न’ लेकर भाजपा ने अपनी हार स्वीकार कर ली है।
हुड्डा ने कहा, ‘‘आगामी विधानसभा चुनाव में वोट मांगने के बजाय इस सरकार को जनता से माफी मांगनी चाहिए। भाजपा सत्ता में बने रहने का अधिकार खो चुकी है।’’
मुख्यमंत्री सैनी ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र में पंचायती राज एवं सरपंच सम्मेलन में प्रदेश भर के पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा था कि अब सरपंच अपनी ग्राम पंचायतों में बिना ई-निविदा के 21 लाख रुपये तक के विकास कार्य करा सकेंगे। इससे पहले यह सीमा पांच लाख रुपये थी।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि सरपंच अब ग्राम पंचायत के काम के लिए अपनी कार या टैक्सी का उपयोग करते समय 16 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से यात्रा व्यय मांग सकेंगे।
बड़ी संख्या में सरपंचों ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए ई-निविदा प्रणाली शुरू किए जाने का पिछले वर्ष विरोध किया था और दावा किया था कि इससे उनकी व्यय क्षमता कम हो जाएगी।
हुड्डा ने कुछ महीने पहले आरोप लगाया था कि पंचायत ई-निविदा प्रणाली हरियाणा में ‘‘भ्रष्टाचार की जननी’’ है और कहा था कि अगर 2024 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सत्ता में आई तो इस प्रणाली को खत्म कर दिया जाएगा।