नयी दिल्ली, 13 जुलाई (भाषा) दिल्ली की जल संसाधन मंत्री आतिशी ने शनिवार को कहा कि मुनक नहर में आयी दरार को ठीक कर दिया गया है और द्वारका जल शोधन संयंत्र के शाम चार बजे से फिर से शुरू होने की संभावना है।
नहर में आई इस दरार के कारण बाहरी दिल्ली के बवाना इलाके में जलजमाव हो गया था और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में जलापूर्ति प्रभावित हुई थी।
आतिशी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “मुनक नहर तटबंध की मरम्मत कल (शुक्रवार) रात पूरी हो गई। हरियाणा ने पूर्वाह्न 10.30 बजे ककरोई हेड से पानी छोड़ा। द्वारका जल सोधन संयंत्र शाम 4 बजे से काम करना शुरू कर देगा और द्वारका में पानी की आपूर्ति आज रात से फिर से शुरू हो जाएगी।”
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार रात जारी एक बयान में कहा कि यमुना नहर में आई दरार को ठीक कर दिया गया है।
प्रभावित क्षेत्र में मौजूद दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के एक अधिकारी जीतेश ने कहा, “हमें (डीजेबी) नहर की निगरानी के लिए रात की ड्यूटी सौंपी गई है। मरम्मत का काम हरियाणा सरकार द्वारा प्रबंधित किया जा रहा है, लेकिन हम प्रगति पर जानकारी प्रदान करने के लिए पूरी प्रक्रिया की देखरेख कर रहे हैं।”
जल बोर्ड के एक कनिष्ठ अभियंता ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 11 बजे मरम्मत का काम पूरा हो गया।
उन्होंने कहा, “कंक्रीट को सूखने में आम तौर पर कम से कम 11 से 12 घंटे लगते हैं। पानी को हरियाणा से दिल्ली पहुंचने में भी दो से तीन घंटे लगेंगे।”
शुक्रवार को दिल्ली की जल मंत्री ने कहा था कि मुनक नहर का निर्माण और रखरखाव करने वाले हरियाणा सिंचाई विभाग की एक टीम मौके पर मौजूद है और डीजेबी की एक टीम उसकी मदद कर रही है।
प्रभावित क्षेत्र और जेजे कॉलोनी के बारे में आतिशी ने कहा कि इलाके से पानी निकाल दिया गया है और चिकित्सा व्यवस्था के लिए एक स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है क्योंकि ऐसी स्थितियों में जलजनित बीमारियां हो सकती हैं।
उन्होंने कहा, “शुक्रवार को चिकित्सा व्यवस्था के लिए एक स्वास्थ्य शिविर लगाया गया था और 100 से अधिक लोगों ने अपनी जांच करायी।”
मुनक नहर की उप-शाखा (कैरियर लाइन चैनल, सीएलसी) का तटबंध बुधवार रात 12 बजे से देर रात 2 बजे के बीच टूट गया। इससे नहर का पानी बवाना के कई इलाकों में घुस गया। आतिशी ने बृहस्पतिवार को घटनास्थल से ’डिजिटल ब्रीफिंग’ में यह कहा था।
मंत्री ने कहा कि तटबंध टूटने के कारण द्वारका, हैदरपुर, बवाना और नांगलोई में जल शोधन संयंत्र प्रभावित हुए हैं।