मुंबई, अब भारत के कोच वेसाले सेरेवी ने देश में रग्बी को लेकर जागरूकता पैदा करने को अपना पहला लक्ष्य बनाया है।
‘हॉल ऑफ फेम’ में शामिल 56 साल के सेरेवी को भारत की पुरुष और महिला सेवेन्स रग्बी टीम का मुख्य कोच बनाया गया है।
सेरेवी ने पीटीआई से विशेष बातचीत के दौरान कहा, ‘‘मैं सामान्यत: दुनिया के इस हिस्से में, एशिया में, रग्बी पर ध्यान नहीं देता। लेकिन मैंने दुनिया के इस हिस्से में टीमों को रग्बी खेलते हुए देखा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हां, भारत में रग्बी के बारे में शायद पांच प्रतिशत आबादी जानती है – यही वह चीज है जिस पर हम इस समय काम करने की कोशिश कर रहे हैं। हम रग्बी के बारे में जागरूकता लाने की कोशिश कर रहे हैं।’’
सेरेवी ने कहा, ‘‘आप नंबर दो, तीन, चार, पांच को भूलकर नंबर 12 पर नहीं जा सकते। मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात रग्बी के बारे में जागरूकता फैलाना है। परिणाम तो वैसे भी आएंगे। हर बड़ी चीज एक छोटी चीज से शुरू होती है।’’
यहां आने से पहले उन्हें भारत का कोई अनुभव नहीं था लेकिन सेरेवी ने राष्ट्रीय टीमों में पहले से मौजूद प्रतिभाओं को पहचानने में तेजी दिखाई लेकिन साथ ही उन्होंने उन प्रतिभाओं को भी पहचानने पर जोर दिया जिनके बारे में कोई नहीं जानता।
सेरेवी ने कहा, ‘‘पुरुष और महिला दोनों टीमों के संदर्भ में। कोच ने बहुत अच्छा काम किया है। मैंने कुछ अच्छी टीमें देखी हैं। मैंने फारवर्ड देखे हैं। मैंने बैक, हाफबैक देखे हैं। रग्बी के मैदान पर सभी पोजीशन में, वे यहां मौजूद हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन्हें शिविर में लाने और फिर उन्हें खेल को समझने में मदद करने, उन्हें यह बताने में मदद करने के लिए उत्साहित हूं कि मैं उन्हें अन्य प्रतियोगिताओं में किस तरह की रग्बी खेलते हुए देखना चाहता हूं।’’
विश्व सीरीज 2005-06 के फाइनल में पहुंचने वाली फिजी टीम के खिलाड़ी-कोच रहे सेरेवी ने कहा कि रूस, अमेरिका और जमैका में टीमों का हिस्सा होने के बाद उनके भारतीय कोच का पद संभालने से बहुत से लोग आश्चर्यचकित हो सकते हैं।