मुंबई, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार के पास आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की सीमा हटाने का अधिकार नहीं है और केंद्र सरकार ही संसद के जरिए आरक्षण को बढ़ा सकती है।
ठाकरे ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की और राजनीतिक नेताओं के साथ चर्चा करने के बजाय आपसी सहमति के माध्यम से समाधान खोजने के लिए विभिन्न वर्गों के साथ विचार-विमर्श की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, “राज्य के पास आरक्षण की सीमा बढ़ाने का अधिकार नहीं है। इसे लोकसभा के जरिए किया जा सकता है। (यदि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से ज्यादा करने के लिए कोई कानून पेश किया जाता है) मेरे सांसद इसका समर्थन करेंगे।”
उन्होंने कहा, “हर किसी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास जाना चाहिए और उन्हें (आरक्षण मुद्दे के समाधान पर) फैसला करना चाहिए। जो भी (फैसला) हो हम उसे स्वीकार करेंगे।’’
आरक्षण बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के बिहार सरकार के फैसले पर उच्च न्यायालय की रोक का हवाला देते हुए ठाकरे ने कहा कि सत्तारूढ़ दलों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे अन्य पिछड़ा वर्ग के (हितों) को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।