पटना, 24 जुलाई (भाषा) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को विधानसभा में अपना आपा खो बैठे और राजद की महिला विधायक रेखा देवी पर भड़कते हुए एक विवादास्पद टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘अरे महिला हो, कुछ जानती नहीं हो! उनके बयान को लेकर एक बार फिर से हंगामा खड़ा हो गया है।
राजद के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र ने बाद में इस मुद्दे पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा,‘‘ मुख्यमंत्री पता नहीं महिलाओं को क्या-क्या बोलने लगे। पता नहीं महिलाओं से उन्हें प्रेम या नफरत है? यह बात हमें समझ ही में नहीं आती।’’
बिहार विधानसभा में बुधवार को राज्य के संशोधित आरक्षण कानूनों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्य हंगामा और नारेबाजी कर रहे थे।
हंगामे के बीच ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हस्तक्षेप करने के लिए उठे। उस समय राजद की मसौढी से विधायक रेखा देवी कुछ कह रही थीं।
सत्तर वर्षीय मुख्यमंत्री ने रेखा देवी की ओर उंगलियां दिखाते हुए ऊंची आवाज में कहा,, ‘‘ अरे महिला हो, कुछ जानती नहीं हो। इन लोगों(राजद) ने किसी महिला को आगे बढ़ाया था? क्या आपको पता है कि मेरे सत्ता संभालने के बाद ही बिहार में महिलाओं को उनका हक मिलना शुरू हुआ। 2005 के बाद हमने महिलाओं को आगे बढ़ाया है। बोल रही हो, फालतू बात.. इसलिए कह रहे हैं, चुपचाप सुनो।’’
उनके इतना कहते ही सदन में हंगामा और बढ़ गया।
एक महिला विधायक से इस तरह मुखातिब होने का विपक्षी सदस्यों द्वारा विरोध किए जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा ,‘‘ अरे क्या हुआ?… सुनोगे नहीं… हम तो सुनाएंगे और अगर नहीं सुनिएगा तो यह आपकी गलती है।’’
बाद में संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री से आसन को संबोधित करने का अनुरोध किया तो नीतीश ने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘आप समझ लीजिए कि हम लोगों ने एक-एक चीज को लागू कर दिया है। हम चाह रहे थे कि यह लोग समझते एक-एक चीज को।’’
बाद में बिहार विधानसभा परिसर में राजद के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर कहा कि हम लोगों की मांग केवल आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल किए जाने को लेकर थी ।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री पता नहीं महिलाओं को क्या-क्या बोलने लगे। महिलाओं से उन्हें प्रेम या नफरत है, यह बात हमें समझ ही में नहीं आती। इतिहास बताना शुरू कर देते हैं। अगर विजय कुमार चौधरी जी नहीं रोकते तो ना जाने वह और क्या-क्या बोल देते।’’
इससे पहले भी नीतीश कुमार के कई बयानों को लेकर सियासी बवाल हो चुका है।
पिछले साल बिहार विधानसभा में जातिगत गणना के दौरान हुए आर्थिक सर्वेक्षण पर अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला पुरूष के शारीरिक संबंधों को लेकर विवादित टिप्पणी की थी।
उन्होंने ये टिप्पणी आर्थिक सर्वेक्षण में महिलाओं की बढ़ रही साक्षरता और प्रजनन दर के संदर्भ में की थी।