नयी दिल्ली, तीन नए आपराधिक कानून एक जुलाई से लागू होने के बाद दिल्ली पुलिस के कई थानों में अधिकारी भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के नए प्रावधानों पर चर्चा करते देखे जा रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मामले दर्ज करने का काम पहले की तरह सुचारू रूप से जारी है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, नए कानूनों के बारे में जानने के बाद पुलिस थाने पहुंचने वाले कुछ शिकायतकर्ताओं के मन में कई तरह की भ्रांतियां हैं।
अधिकारी ने बताया कि उन्हें बताया जा रहा है कि नए कानून भी उन्हें तेजी से न्याय दिलाने के लिए हैं और उन्हें कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है।
इंस्पेक्टर रैंक के एक अधिकारी ने बताया कि झपटमारी सहित अन्य अपराधों के लिए नए प्रावधान जोड़े गए हैं, जिससे जांच और अधिक कड़ी होगी और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
अधिकारी ने कहा, ‘‘नए कानूनों में झपटमारी का जो प्रावधान जोड़ा गया है, वह जरूरी था। झपटमारी के अपराध के लिए तीन साल की सजा है जिसे बढ़ाया जा सकता है। हमने सोमवार से नए कानूनों के तहत प्राथमिकी दर्ज करना शुरू कर दिया है।’’
पुलिस के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीएनएस डिजिटल साक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करता है जो जांच के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने पिछले कई माह बीएनएस के बारे में प्रशिक्षण लिया और सोमवार से तीन नए कानूनों के तहत प्राथमिकी दर्ज करना शुरू कर दिया। वरिष्ठों ने पूरा सहयोग किया और उन्होंने नए कानूनों को लेकर आयोजित की गई प्रशिक्षण कक्षा के दौरान सभी की मदद की।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘चार जून को आम चुनावों के नतीजे आने के बाद हमने सभी जांच अधिकारियों को नए कानूनों के लिए तैयार रहने को कह दिया था। नए कानूनों में डिजिटल साक्ष्यों पर अधिक ध्यान दिया गया है जो अच्छी बात है। इससे मामलों में पारदर्शिता आएगी और कोई भी उनमें हेराफेरी नहीं कर पाएगा।’’
एक सब इंस्पेक्टर के अनुसार, बीएनएस ज्यादा सुविधाजनक है। उन्होंने बताया कि कुछ धाराएं हटा दी गई हैं और सजा बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ नयी धाराएं जोड़ी गई हैं जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में नहीं थीं।
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को मध्य दिल्ली के कमला मार्केट में कथित रूप से मार्ग में बाधा डालने के लिए एक रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ बीएनएस के प्रावधानों के तहत अपनी पहली प्राथमिकी दर्ज की थी।
बीएनएस और दो अन्य नए आपराधिक कानून सोमवार को प्रभावी हो गए है। इन कानूनों से भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में दूरगामी परिवर्तन आएंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली पुलिस ने जांच के बाद एक रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ दर्ज मामला रद्द कर दिया। उन्होंने कहा था, ‘‘समीक्षा के प्रावधानों का उपयोग करके पुलिस ने इस मामले को रद्द कर दिया है।’’