नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) मेघालय के प्रचूर हरित क्षेत्र के समक्ष जलवायु परिवर्तन से पैदा हुये खतरे के अलोक में प्रदेश के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा है कि उनका राज्य वैश्विक तापमान वृद्धि से निपटने के लिए संबंधित कार्य योजना में संशोधन करते हुये समर्पित जलवायु बजट एवं महत्वाकांक्षी वन संरक्षण योजना पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
मेघालय देश के उन कुछ राज्यों में शामिल है, जिसने 2024-25 में स्थिरता और संरक्षण पहलों के लिए कुल राज्य बजट का 16 प्रतिशत – 4,501 करोड़ रुपये – निर्धारित किया है। यह वर्ष 2022-23 के 2,456 करोड़ रुपये और 2023-24 के 3,412 करोड़ रुपये से अधिक है।
राष्ट्रीय राजधानी के दौरे पर आये संगमा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमें लगता है कि जलवायु परिवर्तन जीवन और शासन के हर क्षेत्र को प्रभावित करता है। इसलिए यह न केवल मेरी सरकार के लिए, बल्कि सभी सरकारों के लिए भी महत्वपूर्ण है कि वे बेहतर भविष्य के लिए जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करें।’’
यह दृष्टिकोण नये जलवायु अनुकूलन लक्ष्यों और क्षेत्रीय जलवायु जोखिम शमन रणनीतियों के साथ जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्य योजना (एसएपीसीसी) के संशोधन को आकार देने में मदद कर रहा है।
भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2021 के अनुसार, मेघालय की कुल भूमि का 76 प्रतिशत भाग वन क्षेत्र के अंतर्गत है।
पर्यावरण संरक्षण और भविष्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मेघालय में कई मूल निवासी समुदाय निवास करते हैं, जिनका प्रकृति के साथ पीढ़ियों से घनिष्ठ संबंध रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह संबंध राज्य में पारंपरिक रूप से संरक्षित 10,000 हेक्टेयर वनों में निहित है। हमारा जोर स्थानीय समुदायों को उनके आवास के आसपास के वन क्षेत्रों की सुरक्षा में शामिल करने पर है।’’
संगमा यहां दिल्ली हाट में आयोजित दूसरे मेघालय अनानास महोत्सव में शामिल होने आए थे।