कर्नाटक में ‘गारंटियों’ की वजह से विकास कार्यों के लिए धन जुटाना मुश्किल हो गया है: रायरेड्डी

बेंगलुरु, 12 जुलाई (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के आर्थिक सलाहकार बसवराज रायरेड्डी ने कहा है कि राज्य सरकार की पांच गारंटियों पर भारी धनराशि खर्च करने से विकास कार्यों के लिए धन मुहैया करा पाना मुश्किल हो गया है।

कोप्पल जिले के येलबुर्गा से कांग्रेस विधायक रायरेड्डी ने अपने विधानसभा क्षेत्र के मंगलुरु गांव में एक झील से संबंधित कार्य के उद्घाटन के बाद किसानों की सभा में यह बात कही।

रायरेड्डी ने कहा, “मुख्यमंत्री ने मुझे अपना आर्थिक सलाहकार बनाया है और मैं उनसे रोजाना बातचीत करता हूं, इसलिए इस (झील परियोजना के लिए) पैसा जारी हुआ है, अन्यथा यह जारी नहीं होता… असंभव। पूरे राज्य में विकास का यही एकमात्र काम हो रहा है, क्योंकि गारंटियां पूरी करने में ही बहुत सारा पैसा खर्च हो रहा है। हमें गारंटियों को पूरा करने के लिए 60,000-65,000 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। आंतरिक वित्तीय हालात को देखते हुए मुझे पता है कि यह कितना मुश्किल है।”

विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्युलर) राज्य की कांग्रेस सरकार पर कोई भी विकास कार्य नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करने में ही काफी पैसा खर्च हो रहा है।

रायरेड्डी के दावों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने कहा, “कोई परेशानी नहीं है, हम व्यवस्था को सुचारू बना रहे हैं। हमने अपने वादे पूरे किए हैं। हम गारंटी योजनाएं जारी रखेंगे….।”

शिवकुमार ने कहा, “…हमने वोट के लिए गारंटियां नहीं दी थीं, बल्कि इसका उद्देश्य लोगों के जीवन-स्तर में सुधार लाना है, जो महंगाई से त्रस्त हैं। हमें विश्वास है कि लोग हमारे साथ सहयोग करेंगे।”