नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अगले सप्ताह मॉस्को में होने वाली वार्ता में यूक्रेन में जारी युद्ध का ‘ग्लोबल साउथ’ पर प्रभाव और रूसी सेना में गुमराह कर शामिल किये गये भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई के मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है। एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
‘ग्लोबल साउथ’ में उन देशों को शामिल किया जाता है जो विकासशील, अल्प विकसित हैं।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने आठ से नौ जुलाई को होने वाले 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए मोदी की रूस यात्रा से पहले यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले सभी शिखर सम्मेलनों में जब भी प्रधानमंत्री ने रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात की है तब-तब दोनों देशों के लिए क्षेत्रीय व वैश्विक महत्व के मुद्दों को ‘दोनों नेताओं उठाया है’।
उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलनों के अलावा यहां तक कि 2022 में समरकंद में भी एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर हुई बैठकों में भी इन मुद्दों को उठाया गया है।
मोदी और पुतिन ने पिछली बार सितंबर 2022 में उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय वार्ता की थी। इस बैठक में मोदी ने पुतिन पर यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के लिए दबाव डालते हुए कहा था कि ‘आज का युग युद्ध का नहीं है’।