आपातकाल की भयावह स्मृतियां हमारे लोकतंत्र पर एक धब्बा: योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, 12 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित करने के केंद्र सरकार के निर्णय को सराहनीय बताते हुए इस फैसले की प्रशंसा की है।

प्रेस में जारी बयान के मुताबिक, आदित्यनाथ ने इस कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार प्रकट करते हुए कहा, ‘‘आपातकाल की भयावह स्मृतियां हमारे लोकतंत्र पर एक धब्बा हैं।’’

उन्होंने कहा कि यह दिवस हर नागरिक के मन में लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था को हमेशा जिंदा रखेगा।

सरकार ने आपातकाल की अवधि के दौरान अमानवीय पीड़ा झेलने वालों के “व्यापक योगदान” को याद करने के लिये 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी दिन 1975 में आपातकाल की घोषणा की गई थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यह घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर ‘हैशटैग’ संविधान हत्या दिवस के साथ लिखा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार का हर वर्ष 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने का निर्णय सराहनीय है। वर्ष 1975 में इस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हमारे महान संविधान का गला घोंटकर भारतीय लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया था और देश में आपातकाल लागू किया था।”

उन्होंने लिखा, “अनेकों सत्याग्रहियों के बलिदान के जरिए लोकतंत्र बहाल हुआ, लेकिन आज भी आपातकाल की भयावह स्मृतियां हमारे लोकतंत्र पर एक धब्बा है। संविधान हत्या दिवस हर भारतीय को संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ कांग्रेस जैसी तानाशाही पार्टियों के दुर्भावनापूर्ण इरादों और षड़यंत्रों से सचेत रखने का एक प्रयास है।”

मुख्यमंत्री ने लिखा, “यह पहल भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करेगी और हर भारतीय के भीतर लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास बनाए रखेगी। इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के प्रति ह्रदय से आभार।”