शिमला, हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के नालागढ़ में बनने वाले 350 करोड़ रुपये के चिकित्सा उपकरण पार्क में केंद्र सरकार की कोई हिस्सेदारी नहीं होगी।
राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से पार्क विकसित करने तथा केंद्र से मिले 30 करोड़ रुपये वापस करने का फैसला किया है। एक बयान के अनुसार यह फैसला राज्य के हित में लिया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह परियोजना 265 एकड़ से अधिक भूमि पर बनेगी और यदि केंद्र से मिले 30 करोड़ रुपये वापस नहीं किए जाते, तो यह जमीन उद्योगपतियों को बेहद सस्ते में दे दी जाती।
उन्होंने दावा किया कि केंद्र की राशि लेने पर उद्योगपतियों को जमीन एक रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से, बिजली तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से और पानी, रखरखाव तथा गोदाम की सुविधाएं दस साल के लिए मुफ्त में दी जातीं।
यहां शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया कि राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए अब तक 74.95 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के हितों को ध्यान में रखते हुए तथा बंधनों से बाहर निकलकर सरकार ने पार्क का निर्माण स्वयं करने का निर्णय लिया है। परियोजना के चालू होने पर अगले पांच से सात वर्षों में भूमि तथा अन्य संसाधनों की बिक्री से 500 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपकरण पार्क के निर्माण के लिए राज्य सरकार क्लस्टर विकास योजना के तहत सिडबी (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) से ऋण लेगी तथा परियोजना के पुनर्गठन के साथ 25 प्रतिशत भूमि विशेष रूप से चिकित्सा उपकरण उद्योगों तथा 75 प्रतिशत अन्य रणनीतिक उद्योगों के लिए आवंटित की जाएगी।