उच्च न्यायालय वकीलों से अतिरिक्त मुलाकात को लेकर केजरीवाल की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा

नयी दिल्ली,  दिल्ली उच्च न्यायालय आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अपने वकीलों से अतिरिक्त मुलाकात के अनुरोध वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।

याचिका न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। केजरीवाल ने निचली अदालत के एक जुलाई के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें जेल अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने वकीलों से सप्ताह में दो अतिरिक्त मुलाकात की अनुमति देने के निर्देश देने संबंधी अर्जी को खारिज कर दिया गया था।

वर्तमान में, केजरीवाल को सप्ताह में दो बार अपने वकीलों से मुलाकात की अनुमति है।

निचली अदालत के समक्ष दायर याचिका में केजरीवाल ने कहा कि वह देश भर में लगभग 30 मुकदमों का सामना कर रहे हैं और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार के आधार पर उन्हें इन मामलों पर चर्चा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने वकीलों के साथ दो अतिरिक्त मुलाकात की जरूरत है।

अदालत ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के वकील यह बताने में विफल रहे हैं कि वह उन्हीं आधार पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दो अतिरिक्त मुलाकात का हकदार कैसे हैं, जिन पर पहले के आदेश में चर्चा की गई थी और निपटारा कर दिया गया था।

अलग-अलग याचिकाओं में केजरीवाल ने कथित आबकारी नीति घोटाले के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है और जमानत का भी अनुरोध किया है। दोनों याचिकाएं उच्च न्यायालय में लंबित हैं।

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धन शोधन के एक मामले में अभी भी न्यायिक हिरासत में बंद हैं।

केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन्हें धन शोधन मामले में निचली अदालत ने 20 जून को जमानत दे दी थी। हालांकि, उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी।

दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा आबकारी नीति बनाने और क्रियान्वयन से जुड़ी कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच के आदेश देने के बाद 2022 में इस नीति को रद्द कर दिया गया था। सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।