मतगणना के बाद शेयरों में भारी गिरावट आर्थिक घोटाला: द्रमुक

0

नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) राज्यसभा में सोमवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं के बयानों के विपरीत मतगणना के बाद शेयर बाजार में भारी गिरावट एक बड़ा आर्थिक घोटाला है और इसकी संयुक्त संसदीय समिति से जांच करायी जानी चाहिए।

द्रमुक नेता तिरुची शिवा ने कहा कि आम चुनाव के दौरान पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि मतों की गिनती के बाद शेयर बाजार में भारी तेजी आएगी।

उन्होंने उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि मतों की गिनती होने के बाद शेयर बाजार में भारी गिरावट आयी और छोटे निवेशकों के 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए।

उन्होंने इसे एक आर्थिक घोटाला करार देते हुए कहा कि इसकी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच करायी जानी चाहिए।

शिवा ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को उठाया और उन्होंने जेपीसी के गठन का प्रस्ताव किया। उन्होंने शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के विभिन्न कारणों का जिक्र किया और कहा कि इस बार की गिरावट स्वाभाविक नहीं थी और आम निवेशक भाजपा नेताओं के बयानों से आकर्षित हुए।

उन्होंने इस क्रम में ‘एक्जिट पोल’ (मतदान पश्चात सर्वेक्षण) पर निशाना साधा और कहा कि समाचार चैनलों ने बढ़ा-चढ़ाकर आंकड़े पेश किए।

उन्होंने आम चुनाव के नतीजों की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार को अब भी अपने में सुधार लाने का मौका है। उन्होंने कहा कि आम जनता ने सरकार की नीतियों को नकार दिया और यही वजह है कि उसके सदस्यों की संख्या में कमी आयी और यह भाजपा की नहीं बल्कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार है।

उन्होंने कहा कि सरकार को अपने रुख में बदलाव लाना चाहिए और ‘लोकतंत्र का सम्मान तथा संघवाद की भावना का ख्याल रखना चाहिए’। उन्होंने मांग की कि महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किए जाने से पहले उन पर गहन चर्चा की जानी चाहिए और उन्हें स्थायी समितियों में भेजा जाना चाहिए।

शिवा ने नीट परीक्षा को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि तमिलनाडु पहले ही इसके खिलाफ रहा है और वहां की विधानसभा ने इस क्रम में प्रस्ताव भी पारित किया है। उन्होंने दावा किया कि तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित संकल्प को अब तक केंद्र से मंजूरी नहीं मिली है।

उन्होंने सरकार पर अघोषित आपातकाल लागू करने का आरोप लगाते हुए कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) में श्रीलंका के तमिलों को शामिल नहीं किया गया जिससे बड़ी संख्या में तमिल प्रभावित हुए हैं।

चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के विनॉय विश्वम ने भी सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि भाजपा राम मंदिर पर राजनीति करती रही है। उन्होंने नीट परीक्षाओं का जिक्र करते हुए कहा कि अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में पहली बरसात में ही पानी टपकने (लीकेज) लगा।

उन्होंने ‘सेंगोल’ अपनाने के लिए भी केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि यह ‘ब्राह्मण-क्षत्रिय गठजोड़’ का प्रतीक है जिसमें समाज के कमजोर एवं पिछड़े वर्गों का ध्यान नहीं रखा जाता।

भाकपा सदस्य ने कहा कि सरकार को सेंगोल के बदले भारतीय संविधान को अपनाना चाहिए और समाज के कमजोर तबकों के कल्याण की दिशा में काम करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *