लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर विचार नहीं करेगी। प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री ने विधानसभा में यह जानकारी दी।
विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्य समरपाल सिंह के एक सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षामित्रों को प्रतिमाह 10 हजार रुपये दिया जाता है, इसलिये मानदेय बढाने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
समरपाल सिंह ने पूछा था कि क्या बढ़ती महंगाई के दृष्टिगत सरकार शिक्षामित्रों के मानदेय बढाने पर विचार करेगी।
हालांकि मंत्री के इस लिखित जवाब से असंतुष्ट समरपाल सिंह ने अपने पूरक प्रश्न में एक कहानी सुनाते हुए कहा कि ”मैं एक मंत्री के यहां गया था तो वे अपने कुत्ते को सहला रहे थे, मैंने पूछा कि इस पर कितना खर्च प्रतिमाह आता है तो उन्होंने कहा कि 20 हजार रुपये।”
समरपाल ने कहा कि जब एक कुत्ते पर इतना खर्च आता है तो शिक्षा मित्र का तो परिवार है, उसकी जरूरतें है, उसे प्रतिदिन एक हजार रुपये की दर से मानदेय दिया जाए।
इस पर बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि सदस्य ने जिस तरह शिक्षा मित्रों की तुलना जानवर से की है, मैं उसकी निंदा करता हूं। उन्होंने कहा कि सपा शासन में शिक्षामित्रों को प्रतिमाह 3500 रुपये मिलते थे जिस बढाकर हमारी सरकार ने 10 हजार रुपये कर दिया है।