नयी दिल्ली, रोजमर्रा की जरूरतों का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनियों को चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान मार्जिन में सुधार की उम्मीद है।
साथ ही इन कंपनियों ने एक अंक की राजस्व वृद्धि का अनुमान जताया है, जिसे ग्रामीण मांग में सुधार और स्थिर शहरी बाजार से मदद मिली है।
डाबर, मैरिको और अदाणी विल्मर जैसी सूचीबद्ध एफएमसीजी कंपनियों ने अपनी ताजा तिमाही सूचना में बताया कि अप्रैल-जून तिमाही में मांग में क्रमिक सुधार हुआ, जो उम्मीद के मुताबिक है।
घरेलू एफएमसीजी निर्माता डाबर को घरेलू बाजार में मध्य-एकल अंक में बिक्री बढ़ने और एकीकृत राजस्व वृद्धि मध्य से उच्च एकल अंक में रहने का अनुमान है।
मैरिको ने कहा कि जून तिमाही में उसका एकीकृत राजस्व उच्च एकल अंक में बढ़ा, जबकि घरेलू व्यवसाय ने क्रमिक आधार पर मामूली वृद्धि दर्ज की।
अदाणी विल्मर ने भी जून तिमाही में कुल 13 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज की। कंपनी ने कहा कि उसके खाद्य और एफएमसीजी कारोबार की बिक्री सालाना आधार पर 23 प्रतिशत बढ़ी।
निर्माताओं को उम्मीद है कि मार्जिन भी सालाना आधार पर बढ़ेगा। ऐसा जिंस कीमतों में नरमी और लागत-बचत पहल के चलते होगा।
डाबर ने कहा कि तिमाही के दौरान जिंस कीमतें स्थिर रहीं। लागत-बचत पहल के कारण सकल मार्जिन में कुछ वृद्धि होने की संभावना है।
मैरिको को भी सालाना आधार पर सकल मार्जिन में विस्तार की उम्मीद है। कंपनी सफोला, पैराशूट, हेयर एंड केयर, निहार और लिवॉन जैसे ब्रांडों का स्वामित्व रखती है।
ग्रामीण बाजार की बिक्री के बारे में, डाबर ने कहा कि जून तिमाही में उसने मांग के रुझान में क्रमिक सुधार देखा और उन क्षेत्रों से वृद्धि में तेजी आई।