यूक्रेन में प्रतिरोध और उम्मीद का प्रतीक बन गए हैं फूल

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कीव, चार जुलाई (एपी) रूस के आक्रमण के कारण दो साल से अपनी पत्नी और बेटी से मिलने के लिए तरस रहे ओलेक्जेंडर ट्रायफोनोव जब उनसे मिलने कीव रेलवे स्टेशन की ओर जा रहे थे तो उन्होंने उनके लिए दो लाल गुलाब खरीदे।

उनकी पत्नी और बेटी दो साल बाद पोलैंड से यूक्रेन लौट रही थीं। 45 वर्षीय चालक ट्रायफोनोव ने कहा, ‘‘मैंने दो साल से उन्हें नहीं देखा है। फूल महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।’’

फूलों को हमेशा यूक्रेन की संस्कृति से जोड़ा जाता है और रूस के 2022 में आक्रमण करने के बाद से उनका महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। उन्हें प्रतिरोध और उम्मीद दोनों का प्रतीक माना जाता है।

युद्ध के कारण आ रही कठिनाइयों के बावजूद यूक्रेनी नागरिक राजधानी कीव तथा अन्य शहरों में अपने घर की बालकनी तथा अन्य स्थानों को फूलों से सजाने का कोई मौका नहीं चूकते। यहां तक कि यूक्रेन की जेलों में भी फूल दिखायी देते हैं।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की रूस के हमले में घायल हुई एक किशोरी से 2022 में जब अस्पताल में मिलने गए थे तो उसके लिए फूलों का एक गुलदस्ता लेकर गए थे।

यूक्रेन की राजधानी कीव के बाहरी इलाकों में निवासी अब भी अपने क्षतिग्रस्त या पूरी तरह से ध्वस्त कर दिए गए मकानों के बगीचों की देखभाल करते हैं।

यूक्रेन के फूल विक्रेता संघ की प्रमुख इरिना बिलोबरोवा ने कहा कि फूल यूक्रेन की संस्कृति, परंपराओं और जीवन के प्रतिष्ठित चरणों के साथ अटूट रूप से जुड़े हुए हैं। इनका जमीन के साथ भी एक भावनात्मक जुड़ाव है।

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद बिलोबरोवा नीदरलैंड चली गयी थीं जो दुनिया में फूलों का सबसे बड़ा उत्पादक है।

यूक्रेन में वर्ष 1700 से ही सूरजमुखी का उत्पादन किया जा रहा है जो देश का राष्ट्रीय पुष्प बन गया है। यह युद्ध में यूक्रेन के प्रतिरोध और दृढ़ता का प्रतीक है।

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