नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उनके साथ राज्य के विकास से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर हुई चर्चा को ‘रचनात्मक’ बताया।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में हुई इस मुलाकात के दौरान नायडू ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के बदले केंद्रीय सहायता बढ़ाने की वकालत की।
सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में महत्वपूर्ण सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख ने राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे और इन पर केंद्र सरकार का सहयोग मांगा।
मुलाकात के बाद उन्होंने मोदी के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश के, ‘राज्यों के बीच एक पावरहाउस’ के रूप में फिर से उभरने की क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज आंध्र प्रदेश के कल्याण और विकास से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मेरी रचनात्मक बैठक हुई। मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में हमारा राज्य, दूसरे राज्यों के बीच एक पावरहाउस के रूप में फिर से उभरेगा।’’
पीएमओ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर इस मुलाकात की तस्वीरें साझा कीं।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दो दिवसीय दिल्ली दौरे के दौरान कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ भी मुलाकात की। उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं पर चर्चा की और मंत्री पीयूष गोयल के साथ बातचीत के बाद ‘सहकारी संघवाद की भावना’ की प्रशंसा की।
गडकरी से मुलाकात के बाद नायडू ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हम साथ मिलकर आंध्र प्रदेश को प्रगति और समृद्धि के मार्ग पर और आगे ले जाएंगे।’’
गोयल से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सहकारी संघवाद की यह अद्भुत भावना हमारे राज्य आंध्र प्रदेश को इसकी पूरी क्षमता का उपयोग करने में मदद करेगी। आज दिल्ली में आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा।’’
नायडू ने राज्य के जुड़े विशिष्ट मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात की।
सूत्रों ने संकेत दिया कि नायडू का गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा सहित कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मिलने का भी कार्यक्रम है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की दिल्ली यात्रा को 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद राज्य के विकास के लिए केंद्रीय समर्थन हासिल करने के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राजधानी में नायडू की व्यस्तता राजग सहयोगी के रूप में तेदेपा के महत्व और त्वरित विकास के लिए राज्य के जोर को भी रेखांकित करती है।