संयुक्त राष्ट्र,संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि योग संतुलन, सजगता और शांति जैसे अपने मूल्यों से लोगों को जोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि योग की जड़ें भारत में हैं लेकिन अब दुनिया भर में इसे अपना लिया गया है।
दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अपने संदेश में गुतारेस ने लोगों से योग के शाश्वत मूल्यों से शांतिपूर्ण एवं सामंजस्यपूर्ण भविष्य के लिए प्रेरणा लेने का आग्रह किया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 2014 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाए जाने का ऐलान किया था। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मान्यता देने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के मसौदा प्रस्ताव को भारत ने प्रस्तावित किया था और 175 सदस्य देशों ने इसका समर्थन किया था।
गुतारेस ने शुक्रवार को कहा, “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस स्वस्थ बनाने, शांति प्रदान करे, आध्यात्मिक और मानसिक आरोग्य प्रदान करने में इस प्राचीन पद्धति की अद्वितीय क्षमता को मान्यता देता है।”
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए संदेश में गुतारेस ने कहा, ”वैसे तो योग की जड़ें भारत में हैं लेकिन अब यह दुनिया भर के सभी धर्मों और संस्कृतियों के लोगों द्वारा अपनाया जा रहा है, जो संतुलन, सजगता और शांति के मूल्यों के साथ लोगों को जोड़ रहा है।”
उन्होंने कहा कि 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विषय ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ था, जो हमें लोगों के जीवन और समुदाय को बेहतर बनाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने कहा, ”इस महत्वपूर्ण दिवस पर, अब हमें योग के शाश्वत मूल्यों व अधिक शांतिपूर्ण तथा सामंजस्यपूर्ण भविष्य के प्रति इसके आह्वान से प्रेरित होना चाहिए।”
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के उत्तरी लॉन क्षेत्र में 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था और पिछले साल इसी स्थान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योग दिवस के कार्यक्रम का नेतृत्व किया था।