गर्मी आते ही मन कुछ ठंडा खाने को करता है जो मन और दिमाग दोनों को गर्मी से दूर रखे। ऐसे में ठंडा तरबूज या खरबूजा मिल जाए तो क्या कहने? तरबूज अधिकतर देश के सभी भागों में उगाया जाता है। पहले तो उत्तरी भारत में बस गर्मी में ही तरबूज मिलता था। अब तो सारा साल भारत के किसी न किसी कोने से आया हुआ तरबूज खाने को मिलता है। इसका आकार बहुत बड़ा होता है। गूदा लाल और बीज काले या भूरे रंग के होते हैं। तरबूज स्वाद में मीठा, ठंडा, प्यास बुझाने वाला, शक्ति देने वाला तथा पेशाब की जलन कम करने वाला होता है। तरबूज फल के रूप में अच्छा तो है ही, इसके बीज भी शक्तिवर्द्धक तथा तासीर में शीतल होते हैं। तरबूज में 90 प्रतिशत जल होता है। तरबूज हमारे दिमाग को मजबूत बनाता है। आइए देखें इसके और क्या लाभ हैंः- नियमित तरबूज सेवन से कब्ज दूर होती है। तरबूज और उसके बीजों की गिरी शरीर को पुष्ट बनाती है। तरबूज खाने के बाद उसके बीजों को धो सुखा कर रख लें जिन्हें बाद में भी खाया जा सकता है। तरबूज खाने से प्यास बुझ जाती है। नियमित तरबूज खाने से पेशाब खुल कर आता है। पेशाब की जलन भी दूर होती है। प्रातःकाल तरबूज के गूदे का रस निकालकर उसमें मिश्री मिला कर पीने से सिरदर्द दूर हो जाता है। पुराने सिरदर्द को दूर करने के लिए तरबूज के बीजों की गिरी को पानी के साथ पीसकर लेप तैयार कर नियमित माथे पर लगायें। सूखी खांसी में तरबूज खाना लाभप्रद होता है। टखने और गुर्दे के पास की सूजन होने पर तरबूज खाना लाभदायक होता है। तरबूज के बीज खाने से बढ़े हुए रक्तचाप पर नियंत्राण होता है। गर्मी में हम बाहर निकलते रहते हैं। ऐसे में शरीर को गर्मी लग जाती है। नियमित तरबूज खाने या तरबूज का रस पीने से गर्मी में राहत मिलती है। तरबूज खाने या उसका रस पीने से दिमाग को ताकत मिलती है। तरबूज के बीज़ों की गिरी की ठंडाई बनाकर प्रातः नियमित पीने के स्मरण शक्ति बढ़ती है। तरबूज का सेवन शरीर में ताकत बढ़ाता है। तरबूज खाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसे खाने के बाद 1 घंटे तक पानी न पिएं अन्यथा लाभ के स्थान पर शरीर को हानि पहुंचा सकता है। तरबूज ताजा काट कर खायें। बहुत पहले का कटा तरबूज भी नुकसान पहुंचाता है।