कुवैत के खिलाफ जीत मेरे खिलाड़ी और कोचिंग करियर की सबसे बड़ी सफलता होगी: स्टिमक

कोलकाता,  कुवैत के खिलाफ गुरुवार को यहां अहम मैच में जीत से भारत के पास पहली बार फीफा विश्व कप क्वालीफायर के तीसरे दौर में जगह बनाने का मौका होगा और मुख्य कोच इगोर स्टिमक का मानना है कि यह उपलब्धि देश के फुटबॉल का भविष्य बदल सकती है।

स्टिमक 1998 में उस क्रोएशियाई टीम के सदस्य थे जिसने 1998 में विश्व कप का कांस्य पदक जीता था। उन्होंने बुधवार को कहा कि भारत के पास तीसरे दौर में जगह बनाने का शानदार मौका होगा जहां से 2026 विश्व कप के लिए टिकट हासिल करने का सुनहरा अवसर मिलेगा। यह एक फुटबॉल खिलाड़ी और एक कोच के तौर पर उनके लिए ‘सबसे बड़ा क्षण’ होगा।

उन्होंने मैच पूर्व संवादाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह भारतीय फुटबॉल का भविष्य बदल सकता है। मैं इस देश में एक विदेशी हूं लेकिन मुझे एक भारतीय जैसा महसूस होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो यह मेरे खेल और कोचिंग करियर का सबसे बड़ा मैच है और इसका सीधा सा कारण यह है कि हमारे पास कल डेढ़ अरब भारतीयों को खुश करने का मौका है।’’

इस 56 साल के पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ इसे संभव बनाने के लिए हमें सब कुछ करने की जरूरत है। यही कारण है कि खिलाड़ी और कोचिंग करियर को मिलाकर यह मेरे लिए सबसे बड़ा मैच है।’’

 भारत ग्रुप ए में चार मैचों में चार अंकों के साथ कतर (12 अंक) के बाद दूसरे स्थान पर काबिज है। अफगानिस्तान गोल अंतर से पिछड़कर तीसरे स्थान पर है। कुवैत तीन अंक के साथ आखिरी पायदान पर है। भारतीय टीम अगर कुवैत को हराने में सफल रही तो वह तीसरे चरण के क्वालीफिकेशन में जगह लगभग पक्की कर लेगी क्योंकि अफगानिस्तान गोल अंतर के मामले में भारत से सात गोल पीछे है।

स्टिमक ने कहा कि करिश्माई स्ट्राइकर सुनील छेत्री के संन्यास लेने से वह निराश है। छेत्री ने इस मैच के बाद संन्यास लेने की घोषणा की है।

उन्होंने कहा, ‘‘एक कोच के तौर पर जाहिर है मैं निराश हूं क्योंकि सुनील हमें छोड़कर जा रहा है।  वह अगर बेंगलुरु एफसी के लिए अच्छा करते है और हमें उनकी जरूरत हुई तो मैं उन्हें इस फैसले पर फिर से विचार करने के लिए बोल सकता हूं।’’