मुंबई, 19 जून (भाषा) शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के छगन भुजबल को उनकी पार्टी (शिवसेना-यूबीटी) में शामिल करने को लेकर दोनों पक्षों (भुजबल और शिवसेना यूबीटी) के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है और ऐसा होने की संभावना भी नहीं है।
राउत से यह पूछा गया था कि अजित पवार की अगुवाई वाली राकांपा में उथल-पुथल की खबरों के बीच क्या महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं एक प्रमुख ओबीसी नेता भुजबल के पाला बदलने को लेकर उनकी (भुजबल की) शिवसेना (यूबीटी) के साथ कोई बातचीत हुई है।
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि भुजबल कभी शिवसेना में हुआ करते थे और उनके पार्टी से चले जाने के बाद काफी समय बीत चुका है एवं शिवसेना भी अपने सफर पर काफी आगे निकल चुकी है।
राउत ने कहा, ‘‘इस खबर में रत्तीभर सच्चाई नहीं है कि शिवेसना (यूबीटी) और भुजबल के बीच बातचीत चल रही है। शिवसेना (यूबीटी) और छगन भुजबल के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है और इसकी संभावना भी नहीं है।’’
अविभाजित शिवेसना के तेजतर्रार नेता रहे भुजबल ने कांग्रेस में शामिल होने के लिए करीब तीन दशक पहले पार्टी(शिवेसना) छोड़ी थी। जब शरद पवार ने कांग्रेस छोड़ी तब भुजबल भी राकांपा में चले गये।
पिछले साल भुजबल राकांपा के उन आठ नेताओं में थे जिन्होंने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। इस तरह शरद पवार द्वारा बनायी गयी पार्टी ‘राकांपा’ में विभाजन हो गया।
ऐसी खबर है कि पहले नासिक से लोकसभा टिकट और फिर राज्यसभा सीट से वंचित किये जाने को लेकर भुजबल नाराज हैं। राज्यसभा सीट के लिए अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा को चुना गया।
हाल के लोकसभा चुनाव में सुनेत्रा पवार को उनकी ननद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने हरा दिया।