मुंबई, 21 जून (भाषा) शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने हाल ही में आयोजित महाराष्ट्र संयुक्त प्रवेश परीक्षा (एमएच-सीईटी) में पारदर्शिता लाने पर जोर देते हुए शुक्रवार को मांग की कि छात्रों को उनके अंक बताए जायें तथा उन्हें उनकी उत्तर पुस्तिकाएं भी दी जायें।
ठाकरे ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सीईटी “अजीब” तरीके से आयोजित की गई थी और दो पेपर की परीक्षाएं 30 बैच में आयोजित की गई थीं। उन्होंने कहा कि इनमें से एक पेपर की परीक्षा 24 बैच में आयोजित की गई।
उन्होंने कहा, “हम मांग करते हैं कि छात्रों को उत्तर पुस्तिकाएं दिखाई जाएं और उन्हें उनके अंक बताए जाएं। इस मामले में टॉपर की भी घोषणा की जानी चाहिए।”
यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द किए जाने और नीट में अनियमितताओं के आरोपों का जिक्र करते हुए ठाकरे ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य की सरकारों ने छात्रों के भविष्य को “बर्बाद” करने का फैसला कर लिया है।
महाराष्ट्र-सीईटी महाराष्ट्र सरकार द्वारा आयोजित की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य इंजीनियरिंग, प्रबंधन, फार्मेसी, कृषि, कानून, चिकित्सा, आयुष और ललित कला जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया को सुगम बनाना है।
ठाकरे ने दावा किया कि प्रश्नपत्रों में 54 गलतियां थीं और छात्रों ने 1,425 आपत्तियां जताईं।
पूर्व मंत्री ने कहा कि छात्रों के परिणाम ‘परसेंटाइल’ के रूप में घोषित किए गए। उन्होंने कहा, “एक पेपर की परीक्षा 24 बैच में आयोजित की गई। ऐसे उदाहरण हैं कि कुछ पेपर कठिन थे, जबकि अन्य आसान थे। जिन्होंने कम अंक प्राप्त किए हैं उन्हें अधिक ‘परसेंटाइल’ मिला है और जिन्होंने अधिक अंक प्राप्त किए हैं उन्हें कम ‘परसेंटाइल’ मिला है।”
ठाकरे ने कहा कि परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी के प्रमुख को अभी तक निलंबित क्यों नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि ‘परसेंटाइल’ गलत तरीके से तैयार किया गया था।