नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) कर्ज में डूबी जयप्रकाश एसोसिएट्स के निलंबित निदेशक मंडल ने एनसीएलटी के पिछले सप्ताह के आदेश को अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी में चुनौती दी है। एनसीएलटी ने कंपनी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया था।
यह याचिका राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण(एनसीएलएटी) की अवकाश पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की गई, जिसने एनसीएलटी के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया।
एनसीएलएटी की इलाहाबाद पीठ ने तीन जून को आईसीआईसीआई बैंक द्वारा दायर की गई दिवालियापन याचिका को स्वीकार कर लिया। उसने कंपनी के निदेशक मंडल को निलंबित करने के बाद भुवन मदान को जेएएल का अंतरिम समाधान पेशेवर भी नियुक्त किया।
सितंबर 2018 में आईसीआईसीआई बैंक ने आईबीसी की धारा 7 के तहत जेएएल के खिलाफ दिवालियापन याचिका दायर की थी।
एनसीएलटी ने जेएएल की इस दलील को खारिज कर दिया कि उसे नकदी की कमी का सामना करना पड़ा और वह कर्ज चुकाने में चूक गई, जिसका मुख्य कारण सरकारी मंजूरी में देरी, यमुना एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण से संबंधित लंबी मुकदमेबाजी और सरकारी नीतियों में बदलाव है।