राज्यसभा : सभापति धनखड़ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष खरगे ने आसन के समक्ष आकर तोड़ी परंपरा

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नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों द्वारा नीट-यूजी परीक्षा के पेपर लीक मामले में सरकार को घेरते हुए हंगामा किए जाने के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे स्वयं आसन के समक्ष आ गये जो पहले कभी नहीं हुआ।

सभापति ने यह टिप्पणी उस समय की जब विपक्ष के सदस्य राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर हो रही चर्चा के दौरान लगातार हंगामा कर रहे थे। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) से जुड़ी कथित अनियमितताओं, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ‘नाकामी’ और पेपर लीक से जुड़े मुद्दों पर विपक्षी सदस्य आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद से ही चर्चा कराने की मांग पर हंगामा कर रहे थे।

हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के करीब आधे घंटे के भीतर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

इसके बाद बैठक पुन: शुरू होने पर भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पर अपनी बात को आगे बढ़ाया। त्रिवेदी के भाषण के बीच ही सदन के नेता जे पी नड्डा ने चर्चा में व्यवधान को लेकर विपक्षी सदस्यों पर निशाना साधा।

नड्डा की बात खत्म होते ही सभापति धनखड़ ने कहा, ‘‘आज का दिन भारतीय संसद के इतिहास में इतना दागी हो गया है कि प्रतिपक्ष के नेता स्वयं आसन के समक्ष आए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कभी नहीं हुआ है। मैं पीड़ित हूं। मैं अचंभित हूं। भारतीय संसदीय परंपरा इतनी गिर जाएगी कि प्रतिपक्ष के नेता आसन के समक्ष आएंगे, उप नेता (विपक्ष के) आसन के समक्ष आएंगे।’’

इसके बाद उन्होंने सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले सदन के नेता नड्डा ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर हो रही चर्चा में विपक्ष द्वारा उत्पन्न किए जा रहे व्यवधान की ओर संकेत करते हुए कहा कि बृहस्पतिवार को सदन की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में यह तय हुआ था कि राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद ज्ञापन पर चर्चा के लिए 21 घंटे आवंटित किए जाएं। उन्होंने बताया कि इस बैठक में कांग्रेस के उप नेता और तृणमूल कांग्रेस के नेता शामिल थे।

उन्होंने कहा कि यह अपने आप में रिकार्ड है क्योंकि इससे पहले इस चर्चा के लिए कभी 21 घंटे आवंटित नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि बैठक में सहमति होने के बावजूद आज सबेरे कार्यस्थगन का प्रस्ताव लाया गया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पहले नीट का मुद्दा नहीं था। उन्होंने कहा कि नीट का मुद्दा कार्य मंत्रणा समिति में उठाया जा सकता था किंतु उनकी (विपक्षी नेताओं की) मंशा नहीं थी, उनकी मंशा सदन को बाधित करने की थी।

नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस बात को लेकर प्रतिबद्ध थी कि उसे चर्चा में भाग नहीं लेना है।

उन्होंने कहा, ‘‘वे पहले ही तय कर चुके थे, वे पहले से ही कृत संकल्पित थे इसलिए (चर्चा में भाग लेने वाले) वक्ताओं की सूची में किसी कांग्रेस नेता का नाम नहीं है। यह दर्शाता है कि वे चर्चा को लेकर गंभीर नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर होने वाली 21 घंटे की चर्चा के दौरान विपक्ष के पास इस बात का पूरा अवसर है कि वे नीट के मुद्दे को उठाकर अपनी पूरी बात रखें। उन्होंने कहा कि सरकार उनका जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है और जवाब दिया भी जाएगा।

हंगामे के दौरान आसन के समक्ष आकर नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों में से एक की ओर इशारा करते सभापति ने कहा, ‘‘आप तो एक प्रकार से नाच रहे हैं। क्या ऐसा होना चाहिए?’’

उन्होंने तृणमूल कांग्रेस सदस्य एवं पत्रकार सागरिका घोष का नाम लेते हुए कहा, ‘‘आप हर सप्ताह स्तंभ लिखती हैं, क्या आप जीवन भर यही चाहती थीं।’’

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