नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद कहा कि नयी नरेन्द्र मोदी सरकार सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और घरेलू रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत बनाने की दिशा में अपना ध्यान केंद्रित करेगी।
रक्षा मंत्री सिंह ने अगले पांच साल के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकार 2028-29 तक रक्षा निर्यात को बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये करने के लिए पूरा प्रयास करेगी, जो अभी 21,083 करोड़ रुपये है।
उन्होंने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद संवाददाताओं से कहा कि सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक हथियारों और प्रणालियों से लैस किया जा रहा है और वे हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के बीच सिंह ने वीरता और प्रतिबद्धता के साथ राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए सैन्य कर्मियों की सराहना की।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, हमारा लक्ष्य रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए देश के सुरक्षा तंत्र को और मजबूत बनाना है।”
सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण और सेवारत तथा सेवानिवृत्त दोनों सैनिकों का कल्याण हमारा मुख्य ध्यान बना रहेगा।”
सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी और निर्मला सीतारमण सहित उन वरिष्ठ भाजपा नेताओं में से एक हैं, जिन्हें वही मंत्रालय दिए गए हैं जो पिछली सरकार में भी उनके पास थे।
सिंह ने कहा कि सरकार भारत के रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा, “वित्त वर्ष 2023-24 में हमारा रक्षा निर्यात रिकॉर्ड 21,083 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह ऐतिहासिक है। हमारा लक्ष्य 2028-2029 तक 50,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के रक्षा उपकरणों का निर्यात होगा।”
सिंह का, साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय कार्यालय में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायुसेना प्रमुख मार्शल वी आर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत ने स्वागत किया।
कार्यभार संभालने के तुरंत बाद सिंह ने मंत्रालय की पहले 100 दिनों की कार्ययोजना पर एक बैठक की अध्यक्षता की।