अजेय टीमों के बीच फाइनल में करिश्माई भारत के सामने दमदार दक्षिण अफ्रीका की चुनौती

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ब्रिजटाउन (बारबाडोस) 28 जून (भाषा) रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय टीम शनिवार को जब टी20 विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैदान पर उतरेगी तो उसके सामने पिछले 10 साल से अधिक के वैश्विक खिताबी सूखे को खत्म करने की चुनौती होगी।

अपने फाइनल तक के अभियान में दोनों टीमें अजेय रही हैं लेकिन बड़े टूर्नामेंटों के कई फाइनल मैचों को खेलने के अनुभव के कारण भारत का पलड़ा भारी होगा। दक्षिण अफ्रीका 1998 के बाद पहली बार आईसीसी के किसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा है।

टूर्नामेंट में भारत का अभियान  पिछले साल घरेलू वनडे विश्व कप के समान ही रहा है, जहां वे फाइनल में पहुंचे थे लेकिन खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने उनसे बेहतर प्रदर्शन किया था।

भारत यहां भी अब तक सर्वश्रेष्ठ टीम रहा है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बार उनके सामने ऑस्ट्रेलिया की चुनौती नहीं है।

दक्षिण अफ्रीका की आईसीसी स्पर्धाओं में एकमात्र जीत 1998 में चैंपियंस ट्रॉफी (उस समय इसका नाम आईसीसी नॉक-आउट ट्रॉफी था) में हुई थी। टीम ‘चोकर्स’ के अपने तमगे को पीछे छोड़कर फाइनल में पहुंची है और वे खिताबी मुकाबले में भी इस तमगे को धत्ता बताने की कोशिश करेंगे।

आईपीएल खिताब को अपनी अब तक सबसे बड़ी उपलब्धि बताने वाले उनके कुछ खिलाड़ियों के लिए विश्व कप ट्रॉफी सबसे बड़ा पुरस्कार होगा।

गयाना में सेमीफाइनल में भारत की इंग्लैंड पर जीत के बाद बाद प्रशंसकों और विशेषज्ञों की भावनाओं को देखा जाए तो रोहित शर्मा की टीम खिताब की प्रबल दावेदार होगी।

भारत की टीम का संयोजन कैरेबियाई देशों की पिचों के मुताबिक है। टीम इस मैच में पिछले साल 19 नवंबर को अहमदाबाद में एक लाख दर्शकों के सामने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली एकदिवसीय विश्व कप फाइनल की निराशा को पीछे छोड़ने के लिए बेकरार है।

विश्व कप खिताब जीत चुके एक कप्तान ने गयाना से बारबडोस की उड़ान के दौरान विमान में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ मैं जानता हूं कि आईसीसी फाइनल में भारत के साथ लंबे समय से समस्याएं रही हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि दक्षिण अफ्रीका कोई चुनौती पेश कर पाएगा। भारत अब तक टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ टीम रही है और ‘मैन टू मैन’ के मामले में भी दक्षिण अफ्रीका कमजोर टीम नजर आ रही है।’’

भारत की खिताबी जीत कोच राहुल द्रविड़ के लिए भी एक आदर्श विदाई होगी, जिन्होंने 2007 के कैरेबियाई देशों में खेले गये वनडे विश्व कप में टीम की अगुवाई की थी। इस विश्व कप में भारत शुरुआती चरण से बाहर हो गया था। एक कोच के रूप में टीम उन्हें यादगार विदाई देने की कोशिश करेगी।

भारत 10 साल में पहली बार आईसीसी टी20 विश्व कप के फाइनल में पहुंचा है और इसका श्रेय वेस्टइंडीज की परिस्थितियों में टीम के शानदार सामंजस्य बिठाने के साथ प्रबंधन की स्पष्ट सोच को भी जाता है।

उन्होंने कैरेबियन में स्पिन के अनुकूल पिचों पर अपने तुरुप के इक्के कुलदीप यादव को टीम में लाने से पहले न्यूयॉर्क में तेज गेंदबाजों की मददगार पिचों पर तीन विशेषज्ञ पेसरों का उपयोग किया।

भारत निश्चित रूप से पिछले मैच के अंतिम एकादश पर कायम रहेगा, लेकिन टीम को कम से कम दो खिलाड़ियों से दमदार प्रदर्शन की उम्मीद होगी।

दिग्गज विराट कोहली अब तक टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके हैं। आईपीएल के शानदार सत्र के बाद टीम को उनसे काफी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन वे अब तक इस पर खरे नहीं उतरे। असमान उछाल वाली पिचों बड़ा शॉट लगाना चुनौतीपूर्ण रहा है।  भारत के इस पूर्व कप्तान ने आक्रामक रवैया अपनाने की पूरी कोशिश की लेकिन वह गेंदबाजों पर हावी नहीं हो पाए हैं।

उनके सलामी जोड़ीदार और कप्तान रोहित शर्मा ने हालांकि उनका पुरजोर समर्थन करते हुए कहा, ‘‘वह इसे (बड़ी पारी) फाइनल के लिए बचा रहे हैं।’’

टी20 अंतरराष्ट्रीय में हो सकता है कि यह कोहली और रोहित का आखिरी मैच हो।

कोहली के उलट रोहित ने टूर्नामेंट में बेखौफ और धाराप्रवाह बल्लेबाजी की है। टीम को उनसे फाइनल में एक और आतिशी शुरुआत की उम्मीद होगी।

भारतीय कप्तान को दबाव वाले मैच में शिवम दुबे से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद होगी। टूर्नामेंट में अब तक लचर प्रदर्शन के बाद भी वह केशव महाराज और तबरेज शम्सी जैसे स्पिनरों के खिलाफ बड़े शॉट खेलकर नायक बन सकते हैं।

ऋषभ पंत और सूर्यकुमार यादव मध्यक्रम में आक्रामक बल्लेबाजी कर रहे हैं तो हार्दिक पंड्या, अक्षर पटेल और रविंद्र जड़ेजा ने छोटी लेकिन प्रभावी पारियां खेली हैं।

गेंदबाजी विभाग में भारत को चिंता करने की कोई बात नहीं है क्योंकि तेज गेंदबाज और स्पिनर दोनों अपनी भूमिका बखूबी निभा रहे हैं।

इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल के तुरंत बाद यहां पहुंचने से उन्हें विश्राम और उबरने के लिए केवल एक दिन का समय मिला है। यह सिलसिला हालांकि इस मैदान पर भारतीय टीम के सुपर आठ में अपना अभियान शुरू करने के बाद से जारी है।

दक्षिण अफ्रीका को फाइनल से पहले एक अतिरिक्त दिन मिला है और वे शुक्रवार को अभ्यास करेंगे।

भारत के विपरीत, उनके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है क्योंकि वे पहले कभी विश्व कप फाइनल का हिस्सा नहीं रहे हैं। त्रिनिदाद में अफगानिस्तान पर शानदार जीत के बाद, प्रोटियाज की टीम खिताबी जीत के स्वाद को चखने के लिए आतुर होगी।

उन्हें क्विंटन डिकॉक और रीजा हेंड्रिक्स की सलामी जोड़ी से रनों की उम्मीद होगी, खासकर दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज से जो लय में होने पर विपक्षी टीम पर दबाव बना सकते हैं। कप्तान एडेन मार्कराम सुपर आठ में बड़ी टीमों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके लेकिन फाइनल में टीम के लिए सब कुछ झोंकने को तैयार होंगे।

इस प्रारूप के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में शामिल हेनरिच क्लासेन को भी रनों की जरूरत है और इसके लिए उन्हें बीच के ओवरों में स्पिन के खतरे से निपटना होगा।

दक्षिण अफ्रीका का तेज गेंदबाजी विभाग अच्छा प्रदर्शन कर रहा है लेकिन यह देखना बाकी है कि यहां दिन के मैच में वे कितने प्रभावी होते है।  शम्सी और महाराज स्पिन विभाग में प्रभावी रहे हैं लेकिन भारतीय बल्लेबाज उनसे निपटने का तरीका जानते हैं।

शनिवार को बारिश की अधिक संभावना है लेकिन आईसीसी ने इस महत्वपूर्ण मुकाबले के लिए एक रिजर्व दिन रखा है।

टीमें :

भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), हार्दिक पंड्या, यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत, संजू सैमसन, शिवम दुबे, रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, अर्शदीप सिंह, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज।

दक्षिण अफ्रीका: एडेन मार्कराम (कप्तान), ओटनील बार्टमैन, गेराल्ड कोएट्जी, क्विंटन डिकॉक, ब्योर्न फोर्टुइन, रीजा हेंड्रिक्स, मार्को यानसेन, हेनरिक क्लासेन, केशव महाराज, डेविड मिलर, एनरिक नोर्किया, कागिसो रबादा, रेयान रिकेल्टन, तबरेज शम्सी और ट्रिस्टन स्टब्स।

समय: मैच भारतीय समयानुसार रात आठ बजे शुरू होगा।