हैदराबाद, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बुधवार को कहा कि देश की जनता ने लोकसभा चुनाव में ‘मोदी की गारंटी’ को खारिज कर दिया है, और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को न केवल इस्तीफा दे देना चाहिए बल्कि अगले कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री पद स्वीकार भी नहीं करना चाहिए।
यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का प्रचार अभियान ‘मोदी की गारंटी’ के इर्द-गिर्द केंद्रित था।
उन्होंने कहा कि भाजपा की लोकसभा सीटों की संख्या 2019 में 303 थीं जो घटकर अब 240 हो गई है।
रेड्डी तेलंगाना में कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा, ”इसका मतलब है कि देश के लोगों ने मोदी की गारंटी को खारिज कर दिया।”
उन्होंने दावा किया कि जहां भाजपा और राजग को 42.9 फीसदी वोट मिले, वहीं विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) को 41.1 फीसदी वोट मिले, जो लगभग बराबर हैं।
रेवंत रेड्डी ने कहा ”भाजपा ने मोदी की गारंटी के नाम पर चुनाव लड़ा। लोगों ने मोदी की गारंटी को खारिज कर दिया है। मोदी की गारंटी की वारंटी समाप्त हो गई है। देश के लोगों ने मोदी जी को खारिज कर दिया है। नरेन्द्र मोदी जी को तुरंत पद छोड़ देना चाहिए और उन्हें दोबारा प्रधानमंत्री पद नहीं लेना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि भाजपा उत्तर प्रदेश के फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में हार गई, जहां अयोध्या स्थित है। उन्होंने दावा किया कि भगवान राम के नाम पर वोट मांगने के लिए भगवान ने भाजपा को सबक सिखाया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों में से आठ पर जीत हासिल की जो सकारात्मक है लेकिन उम्मीदों के मुताबिक नहीं है।
उन्होंने कहा, ”हमने अब तक प्रतिदिन 18 घंटे काम किया है। हम दो घंटे अतिरिक्त काम करेंगे और लोगों को खुश करने और जन-केंद्रित शासन प्रदान करने का प्रयास करेंगे।”
रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस ने मल्काजगिरि लोकसभा सीट खो दी है, जिसका पहले वह प्रतिनिधित्व करते थे, लेकिन सिकंदराबाद छावनी विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में पार्टी ने जीत हासिल की, जो मल्काजगिरि संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है।
उन्होंने लोकसभा चुनाव परिणामों की तुलना तेलुगु नव वर्ष के अवसर पर खाई जाने वाली पारंपरिक ‘पचड़ी’ (चटनी) से की, जो मीठे, खट्टी, नमकीन और कड़वी यानी विभिन्न स्वादों का अहसास कराती है।
राज्य की कुल 17 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस और भाजपा को आठ-आठ सीटें मिलने और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को एक भी सीट नहीं मिलने का जिक्र करते हुए रेवंत रेड्डी ने कहा कि दोनों पार्टियों ने अपनी सीटें और वोट प्रतिशत बढ़ाया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में बीआरएस का वोट प्रतिशत गिरा है और बीआरएस ने लोकसभा चुनाव में भाजपा की मदद करने की कोशिश की।
यह आरोप लगाते हुए कि बीआरएस अध्यक्ष के.चंद्रशेखर राव अपने पदों की कीमत पर भाजपा के साथ सौदेबाजी कर रहे हैं, रेड्डी ने बीआरएस विधायकों से अपने विवेक के अनुसार निर्णय लेने की अपील की।
एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने महाराष्ट्र में शिवसेना और राकांपा को तोड़कर सरकार बनाई लेकिन लोकसभा चुनाव में उसे पश्चिमी राज्य में हार का सामना करना पड़ा । उन्होंने कहा कि यह देखना बाकी है कि क्या ऐसा प्रयोग तेलंगाना में किया जाएगा।