पेनल्टी रन ने भारत के खिलाफ नतीजे को प्रभावित नहीं किया, हमें सतर्क रहना चाहिए था: लॉ

न्यूयॉर्क, 13 जून (भाषा) अमेरिका के मुख्य कोच स्टुअर्ट लॉ ने यहां टी20 विश्व कप मैच में भारत के हाथों अपनी टीम की करीबी हार के लिए ओवर तेजी से पूरा नहीं कर पाने के कारण पांच रन के पेनल्टी को जिम्मेदार ठहराने से इनकार करते हुए कहा कि उनके खिलाड़ियों को मैदानी अंपायरों की चेतावनियों के बाद सतर्क हो जाना चाहिए था।

कम स्कोर वाले इस मैच में भारत ने अमेरिका को आठ विकेट पर 110 रन पर रोकने के बाद 18.2 ओवर में तीन विकेट गंवा कर जीत दर्ज की।

भारत को आखिरी 30 गेंद में 35 रन की जरूरत थी लेकिन भारत को पांच पेनल्टी रन मिल गये और चीजें आसान हो गयी। अमेरिका को तीसरी बार ओवर शुरू करने में 60 सेकंड से अधिक की देरी करने पर अंपायर ने उनके खिलाफ पांच पेनल्टी रन दे दिये।

लॉ ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमें इससे पहले के मैचों में कुछ चेतावनियां मिली थीं और हमें ओवर को जल्दी शुरू करना चाहिये था। हम नयी टीम है और इस मामले में हमें सुधार करना होगा।’’

ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ इस खेल में सीखने के लिए बहुत कुछ है। इसमें कई पेचीदगियां भी हैं जिनके बारे में जानकारी होना जरूरी है। यह एक नया नियम है।’’

  उन्होंने कहा, ‘‘इस साल की शुरुआत में बांग्लादेश श्रृंखला या कनाडा के खिलाफ श्रृंखला खेलने से पहले हमारे कई खिलाड़ियों ने इसके बारे में नहीं सुना होगा।’’

आईसीसी ने दिसंबर 2023 में स्टॉप क्लॉक नियम लागू किया था। इसमें क्षेत्ररक्षण टीम के लिए पिछले ओवर के पूरा होने के 60 सेकंड के अंदर नया ओवर शुरू करना अनिवार्य हो गया था। मैदानी अंपायर दो बार चेतावनी देने के बाद तीसरी बार ऐसे होने पर गेंदबाजी टीम के खिलाफ पांच पेनल्टी रन दे देते हैं।

लॉ ने हालांकि कहा कि इन पांच रनों का मैच के परिणाम को कोई खास असर नहीं पड़ा।

उन्होंने कहा, ‘‘ इन पांच रनों से मैच के परिणाम पर कोई असर नहीं पड़ा। लेकिन मुझे लगता है कि हमने अच्छा प्रदर्शन किया, हमने कड़ा संघर्ष किया और मैच को आखिर तक ले जाने में सफल रहे। दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक के खिलाफ हमने काफी जज्बा दिखाया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ खिलाड़ियों को इस नियम के बारे में पता था और अंपायर के दो बार चेतावनी देने के बाद उन्हें सतर्क रहना चाहिए था।’’

उन्होंने इस नियम का समर्थन करते हुए कहा कि खेल की गति को बनाये रखने के लिए इस तरह का कड़ा रवैया जरूरी है।

उन्होंने कहा, ‘‘ अगर आप खेल को लंबा खींचने की कोशिश करेंगे तो यह साढ़े तीन की जगह चार या साढ़े चार घंटे तक चलेगा। यह काफी होगा। आईसीसी का काम इन चीजों से निपटने के लिए नियम बनाना है।’’