मुंबई, 16 जून (भाषा) केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन ने मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (एमआईएफएफ) के 18वें संस्करण के उद्घाटन समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वृत्तचित्र फिल्में लोगों की भावनाओं को सही तरीके से पेश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा द्विवार्षिक रूप से आयोजित तथा राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) द्वारा कार्यान्वित मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में वृत्तचित्र, लघु कथाएं और एनीमेशन फिल्में दिखाई जाती हैं।
साल 1990 में पहली बार एमआईएफएफ का आयोजन किया गया था।
मुरुगन ने शनिवार रात समारोह की शुरुआत करते हुए कहा कि मंत्रालय देश को ‘विश्व का कंटेंट हब’ बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
उन्होंने कहा, ”मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव वृत्तचित्र, लघु और एनीमेशन फिल्मों का उत्सव है। वृत्तचित्र फिल्में अद्वितीय क्षमताओं, भावनाओं और मानवीय संबंधों को उचित तरीके से पेश करने में अहम भूमिका निभाती हैं।”
एल. मुरुगन ने कहा, ”हमारा भारत कंटेंट निर्माण करने का गढ़ है। हमारे भारत में कहानी सुनाना हमारी दादी-नानी और माताओं से चली आ रही परंपरा है। इन कहानियों से हम सिनेमा और उपन्यास के लिए कंटेंट निकाल रहे हैं।”
मंत्री ने भारत में फिल्म शूटिंग के लिए ‘सिंगल-विंडो सिस्टम’ को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए प्रयासों का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक मंच प्रदान कर रहा है, जिसके तहत फिल्म सुविधा कार्यालय (एफएफओ) को ‘सिंगल-विंडो सिस्टम’ की सुविधा दी जा रही है जिसके तहत फिल्म निर्माता एक ही मंच से विभिन्न विभागों और राज्यों से मंजूरी प्राप्त कर सकेंगे और इस सुविधा से फिल्म निर्माता भारत में आसानी से शूटिंग कर सकेंगे।”
मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के उद्घाटन समारोह में प्रसिद्ध वन्यजीव फिल्म निर्माता सुब्बैया नल्लमुथु को वी. शांताराम लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। महान फिल्म निर्माता वी. शांताराम की स्मृति में इस पुरुस्कार की शुरुआत की गई थी।
नल्लमुथु को 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक ट्रॉफी और एक प्रशस्ति पत्र दिया गया। वह ‘टाइगर डायनेस्टी’, ‘टाइगर क्वीन’ और ‘द वर्ल्ड्स मोस्ट फेमस टाइगर’ जैसी प्रसिद्ध वृत्तचित्रों के लिए जाने जाते हैं।