इस बार के आम चुनाव में आठ हजार से अधिक उम्मीदवारों ने आजमाई है किस्मत : पीआरएस

नयी दिल्ली, अठारहवीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में आठ हजार से अधिक उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई है, जिनमें से 16 प्रतिशत राष्ट्रीय दलों के, छह प्रतिशत उम्मीदवार राज्य स्तरीय दलों के और 47 प्रतिशत उम्मीदवार निर्दलीय हैं। यह जानकारी ‘पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च’(पीआरएस) की रिपोर्ट में दी गई है।

पीआरएस के मुताबिक, इस बार के चुनाव में 543 लोकसभा सीट के लिए मान्यता प्राप्त छह राष्ट्रीय दलों सहित 744 दलों के 8360 उम्मीदवार मैदान में हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह 1996 के बाद से प्रत्याशियों की सबसे अधिक संख्या है। वर्ष 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में 13,952 उम्मीदवार मैदान में थे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 8039 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई थी।

अठारहवीं लोकसभा के लिए सात चरणों में मतदान कराया गया, जो 19 अप्रैल को शुरू हुआ और एक जून को संपन्न हुआ। मतों की गिनती चार जून को होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, छह राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दलों में से एक बहुजन समाज पार्टी(बसपा) ने सबसे अधिक 488 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।

राष्ट्रीय दलों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 441, कांग्रेस ने 328, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 52, आम आदमी पार्टी (आप) ने 22 और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने तीन उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।

राज्य स्तरीय दलों में समाजवादी पार्टी ने सबसे अधिक 71 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने 48 सीट पर अपने प्रत्याशी खड़े किये।

ऑल इंडिया अन्नाद्रमुक मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने 36, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने 30, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने 25, राष्ट्रीय जनता दल(राजद) ने 25, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने 22 प्रत्याशी उतारे हैं।

पीआरएस रिपोर्ट के मुताबिक, गैर मान्यता प्राप्त दलों में सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) ने सबसे अधिक 150 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। इसके बाद पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) का स्थान है, जिसके 79 उम्मीदवार मैदान में हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रत्येक सीट पर औसत 15 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। हालांकि, प्रत्येक राज्य में सीटवार उम्मीदवारों की संख्या अलग-अलग है।

तेलंगाना में प्रत्येक सीट पर सबसे अधिक औसत उम्मीदवार हैं। यहां के प्रत्येक सीट पर औसतन 31 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि लद्दाख और नगालैंड में सीटवार तीन-तीन उम्मीदवार मैदान में हैं।

तमिलनाडु की करूर सीट पर सबसे अधिक 54 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 46 (85 प्रतिशत) उम्मीदवार निर्दलीय हैं।

इस चुनाव में किस्मत आजमा रहे उम्मीदवारों की औसत उम्र 48 साल है।

राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवारों में 13 प्रतिशत की उम्र 40 साल से कम है, जबकि बसपा द्वारा मैदान में उतारे गए 20 प्रतिशत (98) उम्मीदवारों की उम्र 40 साल से कम हैं।

प्रमुख दलों द्वारा मैदान में उतारे गए उम्मीदवारों में से 27 प्रतिशत पूर्व में सांसद रह चुके हैं। इनमें से 25 प्रतिशत पूर्व में लोकसभा सदस्य, चार प्रतिशत राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं, जबकि दो प्रतिशत ऐसे हैं, जो संसद के दोनों सदनों में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

मौजूदा लोकसभा के 327 सदस्य दोबारा किस्मत आजमा रहे हैं, इनमें से एक दो सीट से चुनाव लड़ रहा है।

इस बीच, 17 वीं लोकसभा के 34 सदस्य दोबारा किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन दूसरी सीट पर। इस चुनाव में 53 मंत्रियों की किस्मत भी दांव पर है, जिनमें से तीन राज्यसभा के सदस्य हैं, जबकि पांच ने अप्रैल 2024 में राज्यसभा का अपना कार्यकाल पूरा किया है।