चंडीगढ़, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को कहा कि घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क को खत्म कर दिया गया है और अब बिजली का बिल सिर्फ खपत हुई यूनिट के आधार पर बनाया जाएगा।
एक आधिकारिक बयान में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया कि इस फैसले के बाद हरियाणा के लोगों को सिर्फ उस बिजली का ही बिल मिलेगा, जितनी यूनिट की वे खपत करेंगे।
बयान के मुताबिक, ‘‘इस फैसले के बाद अब हरियाणा के लोगों को खपत की गई बिजली के आधार पर ही बिल मिलेगा। इससे बिजली उपभोक्ताओं को बेहद जरूरी राहत मिल पाएगी।’’
सैनी ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के तहत अंबाला में अतिरिक्त सब्सिडी योजना की शुरुआत करते हुए यह घोषणा की। इस योजना के तहत गरीब परिवारों को छत पर सौर इकाई लगाने के लिए केंद्र सरकार 60,000 रुपये सब्सिडी देगी। यह सब्सिडी उन परिवारों को ही मिलेगी जिनकी सालाना आय 1.80 लाख रुपये से कम है।
सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार भी इन परिवारों को अपनी तरफ से 50,000 रुपये की सब्सिडी देगी। इस तरह गरीब परिवारों को छत पर सौर बिजली इकाई लगाने के लिए अपनी तरफ से कोई भी राशि नहीं देनी होगी। एक सौर इकाई लगाने पर 1.10 लाख रुपये की लागत आने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि 1.80 लाख से तीन लाख रुपये की सालाना आय वाले परिवारों को भी केंद्र से 60,000 रुपये और राज्य सरकार से 20,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने हिसार के खेदर में स्थित राजीव गांधी ताप विद्युत संयंत्र में 7,250 करोड़ रुपये की लागत से 800 मेगावाट की एक अतिरिक्त अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई लगाए जाने की घोषणा की।