भिंडी के घरेलू उपचार

भिंडी के नाम से कौन वाकिफ नहीं होगा। यह तो सब्जियों की रानी है। भिंडी की सब्जी का प्रयोग सभी घरों में होता है। कहीं भरवां, तो कहीं कटी हुई और कहीं लम्बी आधी भिंडी बनाई जाती है। कहीं भिंडी प्याज वाली, कई घरों में प्याज टमाटर का तड़का लगी हुई, कहीं बेसन बुरककर तली हुई भिंडी बनाई जाती है और कहीं बिना प्याज टमाटर के।
भिंडी सामान्यतः भारत के हर प्रान्त में पैदा होती है। प्रकृति की दी हुई वस्तु में अपने गुण व दोष होते हैं। इसका फल लेसदार होता है। भिंडी स्वभाव में भारी, बादी, कफकारक, बलकारक, रूचिकारक होती है।
भिंडी में उच्च कोटि का प्रोटीन होता है। भिंडी गरिष्ठ शाक होने के कारण इसका सेवन सुबह नाश्ते या दोपहर के भोजन के समय में करना चाहिए। रात्रि के समय कम से कम प्रयोग करें। स्वाद के साथ-साथ यह हमारे सौंदर्य को भी बढ़ाती है।
रात को सोने से पूर्व भिंडी का गूदा चेहरा पर आधा घन्टा लगाकर चेहरे धोने से मुंहासे ठीक हो जाते हैं एवं सुन्दरता बढ़ती है।
गूदे को सिर के बालों की जड़ों पर लगाकर धोने से रूसी से मुक्ति मिलती है।
इस प्रकार भिंडी स्वाद से भरपूर होने के साथ-साथ बहुत लाभकारी भी है।