बेंगलुरु, कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री बी नागेंद्र का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। राजभवन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सरकारी निगम से धन के अवैध हस्तांतरण के आरोपों के बीच नागेंद्र ने बृहस्पतिवार को इस्तीफा दे दिया था।
राजभवन की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंत्री का इस्तीफा स्वीकार करने की सिफारिश की थी।
राजभवन की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में कहा गया कि कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में अवैध हस्तांतरण करके 87 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में इसके कर्मचारी चंद्रशेखर पी ने आत्महत्या कर ली थी। कर्मचारी ने मृत्यु पूर्व लिखे एक नोट में धन हस्तांतरित करने के लिए उच्च स्तर से उन पर दबाव बनाए जाने की बात कही थी।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य सरकार और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) दोनों ने इस संबंध में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि नागेन्द्र, जो कि युवा सशक्तिकरण एवं खेल मंत्री भी हैं, निगम के धोखाधड़ी मामले में कथित रूप से संलिप्त हैं।