भारत में स्वच्छ ऊर्जा, अन्य क्षेत्रों में 2030 तक 500 अरब डॉलर के निवेश अवसर

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नयी दिल्ली,  वाणिज्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहन सहित स्वच्छ ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में 2030 तक 500 अरब डॉलर से अधिक के निवेश के अवसर मौजूद हैं।

‘इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉसपेरिटी’ (आईपीईएफ) के स्वच्छ अर्थव्यवस्था निवेशक फोरम की दो दिवसीय बैठक में भाग लेने के लिए सिंगापुर में मौजूद वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने यह बात कही।

बर्थवाल ने आईपीईएफ स्वच्छ अर्थव्यवस्था निवेशक फोरम के उद्घाटन में इसे एक अद्वितीय मंच करार दिया जो वैश्विक निवेशकों, नीति निर्माताओं और शिक्षाविदों को एक साथ लाया है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में टिकाऊ बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने में सहायक होगा।

सचिव ने फोरम को संबोधित करते हुए, ‘‘ भारत में 2030 तक 500 अरब डॉलर से अधिक के निवेश के बड़े अवसर मौजूद हैं, खासकर नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहन सहित स्वच्छ ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में…।’’

बर्थवाल ने पिछले दशक में भारत में कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने के लिए कारोबार को सुगम बनाने के लिए किए गए प्रमुख सुधारों के बारे में भी बताया।

इसके अलावा, मंत्रालय ने कहा कि इस फोरम के परिणामस्वरूप हिंद-प्रशांत क्षेत्र में टिकाऊ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 23 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश के अवसर उत्पन्न हुए।

आईपीईएफ की बैठक बुधवार को शुरू हुई। यह क्षेत्र के शीर्ष निवेशकों, स्वच्छ अर्थव्यवस्था कंपनियों व स्टार्ट-अप को टिकाऊ बुनियादी ढांचे, जलवायु प्रौद्योगिकी तथा नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश जुटाने के लिए एकसाथ लाती है।

इसे दो दिवसीय कार्यक्रम में वित्तीय संस्थानों, बहुपक्षीय विकास बैंकों, उद्यम पूंजी कोषों, परियोजना मालिकों, उद्यमियों तथा आईपीईएफ भागीदारों की सरकारी एजेंसियों के 300 से अधिक प्रतिभागियों ने सतत बुनियादी ढांचे और जलवायु प्रौद्योगिकी जुड़ाव के तहत सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।

आईपीईएफ के 14 सदस्य हैं। अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अन्य साझेदार देशों द्वारा संयुक्त रूप से 23 मई 2022 को तोक्यो में इसकी शुरुआती की गई थी। इसके सदस्य देश दुनिया के आर्थिक उत्पादन का 40 प्रतिशत और व्यापार का 28 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं।

यह ढांचा व्यापार, आपूर्ति शृंखला, स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था से संबंधित चार स्तंभों के इर्द-गिर्द बना है। भारत व्यापार को छोड़कर बाकी सभी स्तंभों में शामिल है।