नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) अप्रैल में विनिर्माण क्षेत्र के सुस्त प्रदर्शन की वजह से तीन माह के निचले स्तर पांच प्रतिशत पर आ गया। हालांकि, इस दौरान खनन और बिजली क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा रहा।
बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, औद्योगिक गतिविधियों का सूचक माना जाने वाला औद्योगिक उत्पादन सूचकांक अप्रैल महीने में पांच प्रतिशत की दर से बढ़ा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 4.6 प्रतिशत बढ़ा था।
औद्योगिक उत्पादन वृद्धि मार्च, 2024 में 5.4 प्रतिशत रही थी जबकि फरवरी में यह 5.6 प्रतिशत के स्तर पर थी। इस तरह अप्रैल में यह सूचकांक मासिक आधार पर घटा है। आईआईपी का पिछला निचला स्तर जनवरी, 2024 में 4.2 प्रतिशत रहा था।
वित्त वर्ष 2023-24 में आईआईपी वृद्धि दर 5.9 प्रतिशत रही, जबकि 2022-23 में यह 5.2 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन सुस्त पड़कर अप्रैल, 2024 में 3.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा। एक साल पहले इसी महीने में यह 5.5 प्रतिशत बढ़ा था।
इस साल अप्रैल में खनन उत्पादन 6.7 प्रतिशत बढ़ा जो एक साल पहले की समान अवधि में 5.1 प्रतिशत था।
आलोच्य अवधि में बिजली उत्पादन की वृद्धि दर 10.2 प्रतिशत रही जबकि अप्रैल, 2023 में इसमें 1.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
उपयोग के आधार पर वर्गीकरण के मुताबिक, पूंजीगत उत्पाद खंड की वृद्धि दर अप्रैल, 2024 में घटकर 3.1 प्रतिशत रह गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 4.4 प्रतिशत थी।
इस साल अप्रैल में टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन 9.8 प्रतिशत बढ़ा, जबकि अप्रैल, 2023 में इसमें 2.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
समीक्षाधीन माह में उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में 2.4 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 11.4 प्रतिशत बढ़ा था।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने बयान में कहा कि बुनियादी ढांचे/ निर्माण वस्तुओं में अप्रैल, 2024 में आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 13.4 प्रतिशत बढ़ा था।
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि प्राथमिक वस्तुओं का उत्पादन इस साल अप्रैल में सात प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 1.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा था।
आलोच्य माह में मध्यवर्ती वस्तुओं के खंड में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो एक साल पहले इसी अवधि में दर्ज 1.7 प्रतिशत से अधिक है।