टेस्ट क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए भारत को नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभानी होगी: जॉनी ग्रेव

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ब्रिजटाउन, 16 जून (भाषा) क्रिकेट वेस्टइंडीज (सीडब्ल्यूआई)  के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉनी ग्रेव ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट खतरे में है और वेस्टइंडीज जैसे छोटे क्षेत्रों में खेल के पांच दिवसीय प्रारूप के अस्तित्व को बचाये रखने के साथ-साथ इसके विकास को सुनिश्चित करने में भारत जैसे देश को ‘नेतृत्वकर्ता की भूमिका’ निभानी होगी।

सीडब्ल्यूआई से 2017 में जुड़ने वाले ग्रेव ने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद टेस्ट क्रिकेट के प्रति बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) की अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की, लेकिन कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के स्तर पर तीन बड़े देशों (भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया) के बाहर भी इस प्रारूप को बचाने के लिए अधिक प्रयास करने की जरूरत है।

  आईसीसी के नौ प्रतिस्पर्धी पूर्ण सदस्यों में से केवल तीन बड़े सदस्य ही 2023-2025 विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप चक्र में पांच मैचों की श्रृंखला खेलेंगे। तीन अन्य पूर्ण सदस्य आयरलैंड, अफगानिस्तान और जिम्बाब्वे  2019 में शुरू की गई चैंपियनशिप का कभी हिस्सा नहीं रहे।

ग्रेव वर्तमान में टी20 विश्व कप की सह-मेजबानी में व्यस्त हैं। उन्होंने खेल के भविष्य और बीसीसीआई द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका पर अपने मन की बात साझा की।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत को नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभानी है। ताकत, प्रभाव और संसाधनों के मामले में वे अब नंबर एक बोर्ड हैं। उन्होंने जिस तरह से खेल के तीनों प्रारूपों को खेलना जारी रखा है, वह शानदार रहा है। टेस्ट क्रिकेट के प्रति उनकी प्रतिबद्धता मुझे नहीं लगता कि यह कभी इतनी मजबूत रही होगी जितनी अब है।’’

ग्रेव ने कहा कि आईसीसी में भारत के रुख का काफी प्रभाव रहता है।

उन्होंने कहा, ‘‘आईसीसी द्वारा लिए जाने वाले प्रमुख निर्णयों में उनकी भूमिका काफी अहम रही है।। पिछले 12 महीनों में आईसीसी द्वारा हासिल की गई सबसे बड़ी चीजों में से एक में बीसीसीआई ने काफी समर्थन किया, जो कि क्रिकेट को ओलंपिक में वापस लाना है।’’

उन्होंने ओलंपिक में क्रिकेट की 128 साल के बाद हुई वापसी पर खुशी जताते हुए कहा, ‘‘ क्रिकेट के ओलंपिक में शामिल होने से बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है। खासकर एसोसिएट सदस्य देश अब इस खेल के विकास के लिए सरकार और ओलंपिक संघों से धनराशि प्राप्त कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि मौजूदा टी20 विश्व कप से क्षेत्र में 300 मिलियन डॉलर की आर्थिक वृद्धि होगी। वेस्टइंडीज ने इससे पहले 2010 में टी20 विश्व कप की मेजबानी की थी।

ग्रेव ने कहा, ‘‘हम 14 साल के बाद किसी वैश्विक टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहे हैं। यह काफी मायने रखता है। विश्व कप के लिए हमने छह स्टेडियमों को अपग्रेड किया है। स्टेडियम बेहतर होने का फायदा वहां के घरेलू क्रिकेट बोर्ड और क्रिकेट वेस्टइंडीज को आने वाले कई वर्षों तक होगा।’’