श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर की पांच लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में कुल 100 उम्मीदवारों में से 68 प्रतिशत को ‘नोटा’ (उपरोक्त में से कोई नहीं) विकल्प से भी कम वोट मिले हैं। निर्वाचन आयोग ने यह जानकारी दी।
जम्मू के सभी पांच निर्वाचन क्षेत्रों में 34,788 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।
जम्मू क्षेत्र के उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक 12,938 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार जितेंद्र सिंह ने जीत हासिल की है।
उधमपुर लोकसभा सीट पर 11 अन्य उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें नौ से अधिक उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट मिले हैं।
जम्मू सीट पर 4,645 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना, जो 18 उम्मीदवारों को मिले मतों से भी ज़्यादा हैं।
जम्मू सीट पर 22 उम्मीदवार मैदान में थे और यहां से भाजपा उम्मीदवार जुगल किशोर ने जीत दर्ज की।
श्रीनगर सीट पर नोटा का विकल्प चुनने वाले मतदाताओं की संख्या 5,998 है, यहां से 24 उम्मीदवार मैदान में थे और उनमें से 18 उम्मीदवारों को नोटा से कम वोट मिले।
अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र में 6,223 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना।
इस लोकसभा सीट पर 20 उम्मीदवार मैदान में थे और उनमें से नौ को नोटा से भी कम वोट मिले हैं।
बारामूला सीट पर 4,984 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। यहां 22 उम्मीदवार मैदान में थे और उनमें से 14 को नोटा से कम वोट मिले।
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार कुल 100 में से 68 उम्मीदवारों को नोटा से कम वोट मिले हैं।
इस बीच केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में केवल 912 मतदाताओं ने नोटा के विकल्प को चुना है।
लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश का एकमात्र संसदीय क्षेत्र है। यहां केवल तीन उम्मीदवार मैदान में थे और सभी को नोटा से अधिक वोट मिले हैं।